देहरादून। चंपावत जिले में तीन साल से अधिक समय से जमे अधिकारियों को न हटाए जाने की पैरवी पर उतरे जिलाधिकारी की मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने नहीं मानी। डीएम के इन अधिकारियों को न हटाए जाने का यह कहते हुए अनुरोध किया था कि इनकी जगह दूसरे अधिकारियों के आने में देरी हो सकती है और इससे निर्वाचन कार्य में परेशानी पैदा हो सकती है। डीएम के इस अनुरोध के बावजूद जिले के 23 अधिकारियों को इधर से उधर कर दिया गया है।
चुनाव से पहले एक जिले में तीन साल से अधिक तैनाती वाले अधिकारियों के तबादलों का नियम है, ताकि जमे जमाए अधिकारी-कर्मचारी चुनाव को प्रभावित न कर सकें। केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य निर्वाचन आयोग को ऐसे अधिकारियों की सूची उपलब्ध कराई जाती है। सूची का अवलोकन किए जाने के बाद निष्पक्ष चनाव के लिएडीएम के अनुरोध के बाद भी 23 अफसरों को किया गया इधर से उधरशिक्षा विभाग के जो अधिकारी तीन साल या इससे भी अधिक समय से एक जिले में कार्यरत थे उन अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है।
अधिकारियों का दूसरे जिलों में तबादला किया जाता है। चंपावत जिले के जिलाधिकारी ने 12 दिसंबर को मुख्य निर्वाचन अधिकारी को जिले के ऐसे 23 अधिकारियों की सूची भेजते हुए इनका तबादला न करने का अनुरोध किया था। डीएम ने कहा कि इन अधिकारियों को हटाए जाने से निर्वाचन कार्य में परेशानी पैदा हो सकती है। उन्होंने यह तर्क भी दिया कि इन अधिकारियों को 2019 के निर्वाचन में भी काम सौंपा गया था।
जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए इन्हें नोडल अधिकारी बनाया गया है।
देहरादून। डीएम ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को जिन 23 अधिकारियों के नाम की सूची भेजी थी। उसमें पहले नंबर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी रमेश चंद पुरोहित का नाम था। डीएम ने बताया था कि इन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है, लेकिन शासन की ओर से पुरोहित का तबादला प्रभारी प्राचार्य डायट भीमताल जिला नैनीताल के पद पर कर दिया गया है। जबकि चंपावत जिले के जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक डीएस राजपूत का तबादला डीईओ माध्यमिक चमोली के पद पर किया गया है। इसके अलावा डीईओ बेसिक चंपावत सत्यनारायण को डीईओ अल्मोड़ा बनाया गया है। बीईओ चंपावत अंशुल बिष्ट को उप शिक्षा अधिकारी हल्द्वानी नैनीताल भेजा गया है। जिले में तीन साल से जमे अन्य अधिकारियों को भी इधर से उधर किया गया है।