मुजफ्फरनगर। देहरादून पुलिस ने एमडीडीए के सेवानिवृत्त इंजीनियर के घर से लूटे गए जेवर बरामदगी के लिए बृहस्पतिवार को एक सराफ की तलाश में दबिश दी। सराफ के नहीं मिलने पर पुलिस टीम शहर कोतवाली पहुंच गई, जहां व्यापारियों की उनसे नोकझोंक हुई। स्थानीय पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ। समझौता होने के बाद पुलिस टीम जेवर की रकम लेकर लौट गई
11 अप्रैल की दोपहर देहरादून की नेहरू कॉलोनी में रहने वाले एमडीडीए के सेवानिवृत्त इंजीनियर वीके अग्रवाल के घर हथियारबंद चार बदमाशों ने जेवर और नकदी लूटी थी। उनका बेटा संदीप नेहरू कॉलोनी में ही सेंट एनी स्कूल चलाता हैं। नेहरु काॅलोनी थाना पुलिस ने कुछ बदमाशों को गिरफ्तार किया था, जो मुजफ्फरनगर की नई मंडी कोतवाली के गांव पचैंडा निवासी बताए जा रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि घटना से अगले ही दिन जेवर मुजफ्फरनगर में एक सराफ को बेच दिए गए थे
इसी सिलसिले में देहरादून पुलिस जेवर बरामद करने के लिए बृहस्पतिवार को मुजफ्फरनगर पहुंची। पुलिस ने सराफ को तलाशा, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद टीम शहर कोतवाली पहुंची। कुछ देर बाद काफी व्यापारी कोतवाली पहुंचे और मामले की जानकारी ली। पुलिस टीम की किसी बात पर व्यापारी नाराज हो गए। व्यापारियों और देहरादून पुलिस के बीच नोकझोंक हो गई।
शहर कोतवाली प्रभारी महावीर सिंह चौहान ने हस्तक्षेप कर मामला संभाला। बाद में दोनों के बीच समझौता हो गया। देहरादून पुलिस जेवर की रकम लेकर लौट गई। शहर कोतवाली प्रभारी ने बताया कि व्यापारियों व देहरादून पुलिस में समझौता हो गया।