देहरादून: उत्तराखंड के कुछ महत्वपूर्ण जिलों में DM बदले जाने के संकेत मिल रहे हैं. राज्य सरकार के स्तर पर इसके लिए होमवर्क पूर्ण किए जाने की भी खबर है. दरअसल पूर्व की तबादला सूची में जिला स्तर पर बदलाव नहीं हो पाया था. जिसके पीछे चारधाम यात्रा शुरू होने को वजह माना गया था. तभी से यह उम्मीद की जा रही थी कि यात्रा के बाद कुछ जिलों में फेरबदल होगा।
अफसरों की जिम्मेदारियां बदलने पर हो रहा होमवर्क, जिलों में भी होने हैं बदलाव
एक बार फिर सरकार अधिकारियों की जिम्मेदारियां बदलने के मूड में हैं. इस बार खासतौर पर जिलों में भी फेरबदल
अफसरों के जिम्मेदारियों में बदलाव को लेकर
देहरादून: उत्तराखंड के कुछ महत्वपूर्ण जिलों में DM बदले जाने के संकेत मिल रहे हैं. राज्य सरकार के स्तर पर इसके लिए होमवर्क किए जाने की भी खबर है. दरअसल पूर्व की तबादला सूची में जिला स्तर पर बदलाव नहीं हो पाया था. जिसके पीछे चारधाम यात्रा शुरू होने को वजह माना गया था. तभी से यह उम्मीद की जा रही थी कि यात्रा के कुछ समय सुचारू चलने के बाद जिला स्तर पर जरूरी बदलाव किए जाएंगे.
फिलहाल हरिद्वार जिले से ही बदलाव किए जाने की चर्चाएं हैं. सरकार हरिद्वार के हालात को लेकर संजीदा है उसे ऐसे अधिकारी को मौका देना है जो अनुभवी सूझबूझ के साथ तेजी से काम करे और जिले में बेहतर नियंत्रण कर सके।इस मामले में कर्मेंद्र बेहतर साबित नहीं हो सके।नगर निगम भूमि घोटाला सरकारी जमीनों पर कब्जे जूनियर अफसरों का पावरफुल होना डीएम को कमजोर कर गया।माना जा रहा है कि किसी बड़े पर्वतीय जिले से अनुभवी अफसर को हरिद्वार लाया जा सकता है. हालांकि बाकी विकल्पों पर भी विचार होने की खबर है. इसी तरह गढ़वाल मंडल में एक और पर्वतीय जनपद पर बदलाव की उम्मीद हैं, जबकि कुमाऊं मंडल में लंबे समय से बदलाव ना देखने वाले जिले भी सूची में शामिल हो सकते हैं. राज्य सरकार जिलाधिकारी पद पर जिम्मेदारी को लेकर किसी विशेष फार्मूले पर भी काम कर सकती है, ताकि अब तक कोई भी जिला ना देख पाने वाले IAS अफसरों को तवज्जो मिल सके और लंबे समय से डटे रहने वाले अधिकारी बदले जा सकें. उधर जनवरी माह में ही सचिव बन चुके जिलाधिकारी देहरादून संविन बंसल अब भी जिले में तैनात है। एक वरिष्ठ अफसर उनकी ढाल बनकर खड़े है। ब्कयूरोक्रेसी में चर्चा ये भी होती है कि जब सचिव बन चुके है फिर डीएम की कुर्सी से उन्हें इतना मोह क्यों है या सरकार को कोई दूसरा अफसर देहरादून के लिए नहीं मिल पा रहा है। उन्हें शासन वापस लाया जाएगा या बेखौफ होकर वो ही जिला चलाएंगे ये सवाल बना हुआ है।
इसी तरह नैनीताल जनपद भी काफी समय से चर्चाओं में है. बात केवल जिलाधिकारियों के बदलाव की नहीं हैं, बल्कि शासन स्तर पर भी काफी समय से हल्की जिम्मेदारियों से संतोष कर रहे अधिकारी कुछ बड़ा पा सकते हैं. उधर कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं, जिनके पास कई जिम्मेदारियां हैं. ऐसे में कुछ एक विभाग ऐसे अधिकारियों को दिए जा सकते हैं, जिन्हें जिलों से वापस शासन में लाए जाने की उम्मीद है
उधर दूसरी तरफ उत्तराखंड में प्रतिनियुक्ति पर लंबे समय से विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी देखने वाले IRS अफसर जितेंद्र सोनकर को भी केंद्र सरकार ने उनके मूल विभाग में भेजने का निर्णय ले लिया है. इसके लिए DOPT ने प्रतिनियुक्ति समाप्त करने से जुड़ा पत्र भी जारी कर दिया है. इस तरह जल्द ही जितेंद्र सोनकर भी अपने मूल विभाग में वापसी करेंगे जिससे अपर सचिव नियोजन और युवा कल्याण विभाग की जिम्मेदारी भी रिक्त होगी.