
हरिद्वार नगर निगम घोटाला
डीएम कर्मेंद्र एसडीएम सदर अजय वीर और नगर आयुक्त रहे वरुण चौधरी सस्पेंड कर दिए गए है हालांकि अधिकारी। पुष्टि नहीं हुई है
सचिव रणवीर सिंह चौहान की जांच रिपोर्ट पर एक्शन हुआ है
ने सराय गांव में लगभग 50 करोड़ की लागत से 35 बीघा भूमि क्रय की थी। यह राशि निगम को हरिद्वार रिंग रोड के निर्माण के दौरान मुआवजे के रूप में प्राप्त हुई थी। आरोप है कि इस क्षेत्र में सर्किल रेट अधिक है, जबकि मार्केट रेट काफी कम है। निगम ने सर्किल रेट पर यह भूमि क्रय की। इस भूमि में निगम ने 56 दुकानों का निर्माण कराया है। मामला प्रकाश में आने पर इसकी प्राथमिक जांच की गई।

जांच में प्रथम दृष्ट्या अनियमितता पाए जाने पर प्रभारी सहायक नगर आयुक्त रविंद्र कुमार दयाल, प्रभारी अधिशासी अभियंता आनंद सिंह मिश्रवाण, कर एवं राजस्व निरीक्षक लक्ष्मीकांत भट्ट और अवर अभियंता दिनेश चंद्र कांडपाल को निलंबित कर दिया गया। सेवानिवृत्त संपत्ति लिपिक वेदपाल का सेवा विस्तार समाप्त करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए। वहीं, वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट से स्पष्टीकरण तलब किया गया।