रेव पार्टी का दावा सवालों में डीजीपी ने दिए जांच के आदेश
देहरादून
पौड़ी जिले के लक्ष्मण झूला थाना क्षेत्र में कथित रूप से रेव पार्टी पकड़े जाने के पुलिस दावे पर अब सवाल उठने लगे हैं। इस मामले में उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक (DGP) दीपम सेठ ने कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस कप्तान से विस्तृत जानकारी तलब की है। साथ ही, उन्होंने युवतियों के नाम उजागर करने और उन्हें मीडिया के सामने “आरोपी” की तरह पेश करने पर भी नाराजगी जताई है।
सूत्रों के मुताबिक, डीजीपी ने निर्देश दिए हैं कि इस पूरे मामले की रिपोर्ट आईजी के माध्यम से एडीजी (कानून व्यवस्था) को सौंपी जाए। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय मानी जा रही है।
बिना लाइसेंस स्थल पर मारी रेड
पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, लक्ष्मण झूला थाना पुलिस ने एक ऐसे स्थल पर छापा मारा जो बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा था। वहां कुछ युवक-युवतियां शराब पीते हुए पाए गए। पुलिस ने दावा किया कि वहां रेव पार्टी चल रही थी, लेकिन मौके से कोई नशीला पदार्थ, ड्रग्स या संदिग्ध सामग्री बरामद नहीं हुई।
यहां तक कि पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट में भी कहीं यह उल्लेख नहीं है कि मौके से शराब की बोतलें या अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। इसके चलते पुलिस की कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
सूत्रों की माने तो इस पूरे घटनाक्रम को लेकर डीजीपी दीपम सेठ बेहद नाराज है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि युवतियों के नाम सार्वजनिक कर उन्हें मीडिया के सामने पेश करना गंभीर लापरवाही है। उन्होंने कहा कि यह संभव है कि इनमें से कुछ युवतियां खुद किसी साजिश का शिकार रही हों या मानव तस्करी गिरोह की शिकार बन रही हों।
कार्रवाई के संकेत
पुलिस मुख्यालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच रिपोर्ट मांगी है। माना जा रहा है कि रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल, पूरे मामले पर शासन स्तर से भी नजर रखी जा रही है।
रेव पार्टी के नाम पर की गई कार्रवाई अब खुद पुलिस के लिए गले की फांस बनती दिख रही है। उच्च अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस मुख्यालय से क्या निर्देश जारी होते हैं और क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज गिरती है।