तीन साल बाद मिश्रा की आयुर्वेद विवि में वापसी
देहरादून। तीन साल के बाद उत्तराखंड आयुर्वेद विवि में कुलसचिव डॉ मृत्युंजय कुमार मिश्रा की वापसी हो गई है।
शासन ने उन्हें सवतन बाल करते हुए वापस उसी पद पर तैनात कर दिया उन्होंने मंगलवार को ही शासन में ज्याइन भी कर लिया। दरअसल, नियम विरुद्ध नियुक्ति वित्तीय अनियमितता के आरोप में डॉ मृत्युंजय मिश्रा के
शासन ने तत्काल प्रभाव से बहाल करते हुए कुलसचिव के पद पर दी तैनाती
खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू हुई थी। तीन दिसंबर 2018 को डॉ. मिश्रा को विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार कर लिया था। डॉ. मिश्रा की और से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई जिस पर कुछ शर्तों के अधीन उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। आयुष एवं आयुष
डॉ. मृत्युंजय कुमार मिश्रा
शिक्षा विभाग के सचिव चंद्रेश कुमार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक विजिलेंस जाच 25 जुलाई 2018 से
गतिमान होने के चलते विभागीय स्तर पर जांच अधिकारी नियुक्त करना और विभागीय अनुशासनिक जांच करवाना औचित्यपूर्ण नहीं है। लिहाजा, शासन ने निर्णय लिया है कि डॉ. मिश्रा के निलंबन को इस शर्त के तहत बहाल किया गया है कि विजिलेंस की जांच रिपोर्ट प्रशासनिक विभाग को प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्हें शासन ने सवेतन बहाल करते हुए कुलसचिव
आयुर्वेदि विवि के पद पर दोबारा तैनात करने के आदेश जारी कर दिए है। उधर, विवि में अस्थायी व्यवस्था के तहत बतौर कुलसचिव तैनात डॉ.राजेश कुमार अदाना को दोबारा अस्थागी व्यवस्था के तहत विधि में उपकुलसचिव के पद पर तैनात करने का आदेश जारी किया गया है। डॉ. मृत्युंजय कुमार मिश्रा ने बताया कि उन्होंने शासन में ही कुलसचिव पद पर ज्वाइन कर लिया है।