देहरादून उत्तराखंड के देहरादून में 400 करोड़ की शत्रु संपत्ति काबुल हाउस आखिरकार 40 साल बाद भू माफिया के चंगुल से मुक्त होने होने के बाद अब अतिक्रमण हटाए जाने की कारवाई भी शुरू हो गई।वर्षो से लटके इस मामले में जिलाधिकारी सोनिका की पहल ने शानदार काम किया है ec मुख्य रोड पर ये 400 करोड़ रुपए की जमीन सरकार के लिए बेहद अहम है।तमाम न्यायिक प्रक्रिया के पालन के बाद बकायदा डीएम कोर्ट ने पहले इसे खाली करने के आदेश दिए थे।
दरअसल, 1937-38 में बंदोबस्त के समय शहरी क्षेत्रों में एक ही खसरा नंबर राजस्व रिकार्ड में अंकित किया जाता था। उस दौर के शहरी क्षेत्र में अलग-अलग खेवट तय होने के बाद भी संबंधित खेवट का खसरा नंबर स्पष्ट नहीं हो पाता था। देहरादून में बंदोबस्ती की कानूनी प्रक्रिया न होने के कारण 1947 में देश के बंटवारे के बाद राजस्व रिकॉर्ड में शत्रु संपत्ति दर्ज नहीं हो पाई थी।
राजा मोहम्मद याकूब खान ने बनाया था काबुल हाउसः बता दें कि इस ऐतिहासिक काबुल हाउस को साल 1879 में अफगानिस्तान के राजा रहे मोहम्मद याकूब खान ने बनाया था. याकूब खान 1879 से 1923 में अपनी मृत्यु तक यहां रहे थे. फिर उनके वंशज भारत पाक बंटवारे के दौरान पाकिस्तान चले गए थे. जिसके बाद से ही काबुल हाउस के कई लोगों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपना होने का भी दावा किया था. लंबे समय से काबुल हाउस में 16 परिवार रह रहे थे.