महिलाओं को नौकरी पर रखवाने के बाद दुष्कर्म के झूठे मुकदमे कराकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह की दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरोह ने एक प्लेसमेंट एजेंसी भी खोली हुई थी। इसके माध्यम से ये घर पर महिलाओं को काम पर रखवाते थे और फिर झूठे मुकदमे में फंसाकर ब्लैकमेल करते थे। गिरोह ने डालनवाला क्षेत्र के एक व्यक्ति से भी 12 लाख रुपये की ठगी की थी। गिरोह के अन्य सदस्य फरार हैं।
एसएचओ डालनवाला राजेश साह ने बताया, पिछले साल चार मई को कर्जन रोड निवासी अमरजीत सेठी ने शिकायत की थी। उन्होंने एक महिला को प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से काम पर रखा था। कुछ दिन बाद महिला ने पुलिस को शिकायत कर दी कि उन्होंने उसके साथ छेड़छाड़ की है। इसके बाद उनसे 12 लाख रुपये ब्लैकमेल कर मांगे गए। कहा गया कि वो शिकायत नहीं करेगी। बावजूद इसके उनसे 17 लाख रुपये और मांगे गए। अमरजीत ने परेशान होकर सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया।
इनमें तबरेज खान निवासी झारखंड, रीना मुंडा निवासी ओडिसा, सुनीता टोप्पो निवासी ओडिसा, उपेंद्र शर्मा निवासी नई दिल्ली, रेनू तूरा निवासी रोहिणी, दिल्ली, कमलेश निवासी मंगोलपुरी, दिल्ली और अनीता निवासी मगरा शामिल थे। पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश कर रही थी। इसी बीच ऑपरेशन प्रहार के तहत रेनू तूरा और कमलेश कुमारी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया।
दिल्ली में कराते थे जीरो एफआईआर
यह गिरोह पूरे देश में इसी तरह की ठगी को अंजाम देता था। ज्यादातर मामलों में महिलाओं की ओर से दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज कराई जाती थी। इन्होंने कुछ मुकदमे गुजरात में भी दर्ज कराए। वर्ष 2017 में एक मुकदमा दुष्कर्म के आरोप में डालनवाला, देहरादून में दर्ज कराया गया था।