देहरादून विवादों में घिरे परिवहन विभाग के तबादलों में अब सुधार का रास्ता तलाशा जा रहा है सूत्रों की माने तो सुगम से सुगम में किया गया तबादला और अल्मोड़ा जिले के आरटीओ को अल्मोड़ा में ही दूसरी तैनाती देने से कई विवादों के साथ ही गंभीर आरोप भी लगने लगे थे जिसमे अब सुधार की गुंजाइश तलाशी जा रही है
परिवहन विभाग में बीते 1 माह से सबसे ज्यादा सुर्खियां प्रस्तावित परिवहन कर्मचारियों व अफसरों के तबादलों ने बटोरी थी कर्मचारियों के विरोध के बाद अफसरों ने कर्मचारियों के तबादले ना करने का निर्णय लिया और आपत्तियों में उनका विरोध सही भी पाया गया इन सबके बीच पहले तो परिवहन विभाग से कार्मिक महकमे को पत्र लिखकर विचलन में 15 दिन की छूट मांगी गई लेकिन मंगलवार को सचिवालय खुलते ही एकाएक तबादले भी कर दिए गए तबादलों में ना तो विचलन का नियम पालन हुआ नाही एक्ट और नियमावली की भी अनदेखी की गई सूत्र बताते हैं की तबादलों से चंद मिनट पहले प्रस्ताव पर एक बड़ा फेरबदल किया गया जिससे सारा विवाद पैदा हो गया।
परिवहन विभाग में तबादले में अब संशोधन की तैयारी
साथ ही सरकार की छवि पर भी दाग लगने लगा अब इन तबादलों में सुधार की कोशिश की जा रही है वही रह गए एआरटीओ के तबादलों को लेकर भी मंथन शुरू हो गया है जबकि विचलन का समय समाप्त हो चुका है और कार्मिक विभाग से विचलन में इजाफे की अनुमति परिवहन विभाग को अभी तक नहीं मिली है सचिवालय स्थित सूत्र बताते हैं कि इन तबादलों में जो पात्रता सूची की अनदेखी की गई वह कल दिन बड़ा विवाद बनने के साथ ही कानूनी रूप से भी गलत प्रस्तुत होने जा रही है ऐसे में इन तबादलों के संशोधन होने की बजाए नए सिरे से जारी करने अथवा निरस्त करने की संभावनाएं भी बढ़ती जा रही हैं