केदारनाथ के नाम से दिल्ली के बुराड़ी में बन रहे मंदिर को लेकर पिछले कई दिनों से उठ रहे विवाद पर राज्य सरकार ने हस्ताक्षेप किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं।
दरअसल, दिल्ली में बन रहे मंदिर के प्रबंधन ने ने चंदे के लिए क्यूआर कोड जारी किया था। जिसके बाद हर तरफ इसका विरोध शुरू हो गया था। केदारघाटी में भी कई दिनों से धरना-प्रदर्शन हो रहा है, जिसके बाद अब मुख्यमंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि बाबा केदार सबकी आस्था के प्रतीक हैं। दुनिया में कहीं भी दूसरा केदारनाथ धाम नहीं हो सकता।
दरअसल, दिल्ली में बन रहे मंदिर के प्रबंधन ने ने चंदे के लिए क्यूआर कोड जारी किया था। जिसके बाद हर तरफ इसका विरोध शुरू हो गया था। केदारघाटी में भी कई दिनों से धरना-प्रदर्शन हो रहा है, जिसके बाद अब मुख्यमंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि बाबा केदार सबकी आस्था के प्रतीक हैं। दुनिया में कहीं भी दूसरा केदारनाथ धाम नहीं हो सकता।
बाबा केदार के किसी भी नाम से कोई भी मंदिर बन जाए, तो उससे धाम की महिमा पर कोई असर नहीं पड़ सकता। फिर भी चूंकि यह आस्था से जुड़ा मामला है, इसलिए मैंने बीकेटीसी से संबंधित लोगों से वार्ता कर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है। वहीं, बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि इस मामले में सीएम धामी के दिशा-निर्देश मिले हैं। कानूनी सलाह ली जा रही है। बदरी-केदारनाथ के नाम या फाेटो का दुरुपयोग करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
बीकेटीसी को दिए निर्देश
बाबा केदार हम सबकी आस्था के प्रतीक हैं। उत्तराखंड के अलावा देश-दुनिया में कहीं भी केदारनाथ धाम नहीं हो सकता है। आशुतोष भगवान शिव के समस्त रूपों की पूजा का अधिकार सभी को है, इसलिए प्रभु के किसी भी नाम को लेकर कोई मंदिर बन जाए तो उससे धाम की महिमा पर कोई असर नहीं पड़ सकता, फिर भी चूंकि यह आस्था का मामला है, इसलिए बीकेटीसी से संबंधित लोगों से वार्ता कर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री