देहरादून विवादो में चल रहे और बीते एक माह से सुर्खियो में बने परिवहन महकमे में प्रस्तावित तबादले का जिन्न आखिरकार आज बाहर आ ही गया। इन तबादलो में नियम एक्ट व नियमावली तो तार तार हुई ही है साथ ही शासन में वरिष्ठ अफसरों की मंजूरी से बनकर तैयार हुये विचलन के नियमों का भी पालन होता नही दिखा है। 3 दिनों पूर्व जहाँ परिवहन विभाग ने शासन के कार्मिक महकमे को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि अवकाश के चलते वो तबादला नही कर पा रहे है लिहाजा विचलन का समय बढा दिया जाए इससे ठीक उलट आज सचिवालय खुलते ही आरटीओ स्तर के अधिकारियों की तबादला सूची तैयार कर जारी भी कर दी गई। क्योंकि कल ही शासन स्तर पर तैयार विचलन का समय खत्म हो रहा था और कल से लगातार आगे अवकाश भी होने थे।
बीते रोज परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत में दावा किया था कि परिवहन विभाग में अनावश्यक तबादले नही होगें। अब मंत्री जी के दावे सचिवालय में आकर ठहर नही सके और वही हुआ जिसकी चर्चा आम थी। सवाल इन तबादलो में जिन बिंदुओं पर है उनकी बिंदुवार चर्चा करना जरूरी है क्योंकि बीते दिनों लगातार मुख्यमंत्री के निर्देशों पर विवादो में आई दो तबादला सूचीयाँ निरस्त हुई हैशासन स्तर से जारी विचलन में कहा गया था कि परिवहन विभाग के अफसरों के करीब 33 फीसदी और कर्मचारियों के करीब 66 फीसदी तबादले किये जाने प्रस्तावित किये गये थे। शासन स्तर पर जब परिवहन महकमे ने कर्मचारियों से आपत्तियाँ मांगी तो उनके निस्तारण करते हुये तश्वीर साफ हो गई थी कि कर्मचारीयों के तबादले अब करना आसान नही होगा लिहाजा अफसरों पर फोकस किया गया और वक्त बीतता देख कार्मिक को पत्र लिखकर अतिरिक्त समय मांगने का अनुरोध किया गया। विचलन में दावा किया गया था कि 33 फीसदी अधिकारियों के तबादले होगें लेकिन आज जारी सूची पर गौर करें तो 33 फीसदी से अधिक तबादले कर दिये गये है जो कि परिवहन मंत्री के दावे से भी कि अनावश्यक तबादले नही होगें को गलत ठहरा रहा है। अब बात तबादलों की एक्ट अथवा नियमावली किसी में भी सुगम से सुगम के तहत तबादला सूची की व्यवस्था नही है ज्बकि दून में आरटीओ प्रवर्तन को ही आरटीओ प्रशासन के पद पर तबादले से विवाद पैदा हो गया है। ज्बकि अल्मोडा में तैनात आरटीओ गुरुदेव सिंह को प्रवर्तन से अल्मोडा में ही संभागीय प्रवर्तन अधिकारी अल्मोडा प्रशासन के पद पर तैनाती दे दी गई है। जानकारों की मानें तो इन तबादलो में विभागीय कार्मिक तबादले की पत्राता सूची की भी अनदेखी की गई है। मामले में परिवहन मंत्री चंदनराम दास से संपर्क कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नही हो पाया है। उनसे संपर्क होते ही उनका पक्ष भी प्रकाशित किया जायेगा।