उत्तराखंड में अफसरों को बाहरी बताने की साजिश, घटिया राजनीति के नए हथकंडे

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उत्तराखंड में अफसरों को बाहरी बताने की साजिश, घटिया राजनीति के नए हथकंडे

देहरादून: उत्तराखंड में बीते एक माह से कुछ लोग पहाड़ और मैदान के बीच खाई खोदने में लगे हुए हैं। अब वे अपने निजी स्वार्थों के लिए अफसरों को बाहरी बताकर विधानसभा चुनाव में राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। जिस प्रदेश का नेपाल से रोटी-बेटी और व्यापारिक रिश्ता सदियों से चला आ रहा है, वहां इस तरह की बातें शर्मनाक हैं।जल जंगल जमीन और स्वास्थ्य शिक्षा से हटकर सत्ता पाने के लिए नया प्रोपोगेंडा शुरू हुआ है जबकि एक देश एक निशान एक संविधान जिसके बारे में खुद प्रधानमंत्री जोर देकर विश्व पटल पर भारत को मजबूत एक जुट करने में जुटे है।

सवाल उठता है कि जिन अफसरों को निशाने पर लिया जा रहा है, क्या वे पाकिस्तान या बांग्लादेश से आए हैं? अफसरों को बाहरी बताकर समाज में जहर घोलने और व्यापारियों का उत्पीड़न करने वाले अब कानूनी शिकंजा कसता देख बौखला गए हैं। वे सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को भुनाने में लगे हैं, लेकिन उनकी यह साजिश ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी।

देहरादून, जिसे ‘देवभूमि’ कहा जाता है, भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) का घर है। यहां न केवल भारत के वीर सैन्य अधिकारी तैयार होते हैं, बल्कि विदेशों से आए नौजवान भी अपने देश की सेवा करने के लिए प्रशिक्षित होते हैं। ऐसे में, उत्तराखंड की मिट्टी पर बाहरी-भीतरी का जहर घोलने की कोशिश करना केवल राजनीतिक स्वार्थों की लड़ाई है, जिसका जनता को सख्त जवाब देना चाहिए।

अब देखना होगा कि इस साजिश में शामिल लोग कब तक अपनी घटिया राजनीति को जिंदा रख पाते हैं और प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है।