सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा और सचिव मुख्यमंत्री तथा आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पाण्डेय ने पुरोला तहसील के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण कर आपदा प्रभावितों से मुलाकात की। आपदा प्रभावितों को हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाते हुए सचिव और आयुक्त ने अधिकारियों को आपदा राहत के कार्यों को तत्परता व समयबद्धता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि आपदा पीड़ितों को समय पर राहत पहुंचाना और प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। आपदा के कामों में लापरवाही और गड़बड़ी पाये जाने पर सबंधित के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
आपदा सचिव सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा व आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडेय ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय व हवाई सर्वेक्षण कर अधिकारियों को पुनर्निर्माण कार्यों में त्वरित राहत कार्य करने व कार्यों में गुणवत्ता बनाये रखने को लेकर कड़े निर्देश दिए। सोमवार को पुरोला आपदा प्रभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण पर आए गढ़वाल आयुक्त तथा सचिव आपदा प्रबंधन ने कुमोला रोड, छाड़ा खड्ड सहित कोर्ट रोड, कमल नदी, मालगड़ के समीपवर्ती क्षेत्रों का स्थलीय सर्वेक्षण कर भूस्खलन एवं मलवा आने के कारण सड़कों, मकानों और दुकानों तथा अन्य परिसंपत्तियों को हुए नुकसान का स्थलीय निरीक्षण कर खतरे की जद में आये भवनों को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक उपाय किए जाने सहित भूस्खलन व बाढ से सुरक्षा के लिए जरूरी इंतजाम किए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने रामा सिराईं व कमल सिराईं के रतेडी, करड़ा, ढकाड़ा, कूफारा, मठ, गुंदियाटगांव आदि क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर आपदा से क्षतिग्रस्त सड़कों, नहरों सहित अन्यपरिसंपत्तियों और कृषि भूमि, बागवानी व फसलों को हुए नुकसान का मुआयना किया।
आपदा सचिव एवं आयुक्त ने अधिकारियों के साथ तीन दिन से जारी पूर्ननिर्माण कार्यों की विभाग बार प्रगति की समीक्षा के साथ ही राजस्व विभाग से आपदा से कृषि भूमि के कटाव व मलवे से तबाह धान फसलों के नुक्सान का ब्यौरा तलब किया तथा पीड़ित परिवारों, किसानों को अबतक बांटी गई आर्थिक राहत सहायता के बारे में जानकारी ली। लोनिवि, सिंचाई व जल संस्थान व विद्युत विभाग सहित सम्बंधित अधिकारियों को बंद रास्तों को खोलने, सिंचाई नहरों, पेयजल लाइनों व विद्युत लाइन को तत्काल ठीक करने के निर्देश दिए।
आपदा प्रबंधन सचिव व आयुक्त ने असुरक्षित घरों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने, खेती को हुए नुकसान का स्थलीय निरीक्षण कर आपदा के तय मानकों के तहत अविलंब राहत वितरित करनें के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्यों एवं राहत के लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी। पुरोला में आपदा से पहले की स्थिति बहाल करने के लिए तेजी से काम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जटिल प्रकृति के कार्यों के लिए समाधान तलाशने हेतु विभिन्न विभागों के अधिकारियों की टीम बनाई जाय और भूस्खलन की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों का विशेषज्ञ संगठनों से भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण कराकर उनका उपचार करने की योजना बनाई जाएगी।
इस मौके पर उन्होंने विकास खण्ड सभागार में अधिकारियों की बैठक लेकर सभी प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी की आपूर्ति सुचारू करने और अवरुद्ध सड़कों को खोले जाने का काम प्राथमिकता से सम्पादित करने तथा प्रभावितों को यथाशीघ्र अनुमन्यतानुसार अधिकतम सहायता उपलब्ध कराने की अपेक्षा की। उन्होने अधिकारियों से आपदा से हुए नुकसान तथा राहत कार्यों की प्रगति की जानकारी लेने के साथ ही क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों एवं आपदा प्रभावितों से बातचीत कर उनकी समस्याओं व मांगों को सुना। उन्हांने कहा कि प्रभावितों की समस्याओं के त्वरित समाधान और उन्हें फौरी तौर पर आएवश्यक राहत मुहैया कराने पर सरकार प्रमुखता से ध्यान दे रही है। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में नागरिक सुविधाओं की बहाली, क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत व पुनर्निर्माण भी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। आपदा राहत कार्यों के लिए आवश्यक स्वीकृतियां बिना किसी देरी के जारी की जाएंगीं और प्रभावितों के कष्टों को जल्द दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक दुर्गेश लाल, जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, ब्लॉक प्रमुख रीता पंवार, नगर पंचायत अध्यक्ष पुरोला हरिमोहन नेगी,एसडीएम पुरोला देवानंद शर्मा,एसडीएम बड़कोट जितेंद्र कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।