किसी आयोजन में शामिल होने वीवीआइपी आते तो उनके आने-जाने का रूट क्लियर कर लिया जाता है। सड़कों के गड्ढे पाटे जाते हैं। माननीय का काफिला गुजरते तक यातायात रोक दिया जाता है। कोशिश रहती है कि माननीय को सबकुछ चकाचक नजर आए।
रविवार को अचानक मौसम खराब होने से टनकपुर से 65 किमी सड़क से सफर कर अमोड़ी पहुंचे सीएम पुष्कर धामी वे सब देख और महसूस कर गए जिसे एनएच से सफर करने वाले सैकड़ों यात्री हर रोज झेलते हैं। एनएच खंड के अधिकारियों व प्रशासनिक मशीनरी को नाकामियों पर पर्दा डालने का मौका नहीं मिला। मिलता भी तो कितना करते, यहां तो कई स्थानों पर सड़क ही गायब है।
नाकामी पर पर्दा डालने वाले अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। रविवार को सीएम ने इसे खुद देख लिया। धामी को टनकपुर से अमोड़ी पहुंचने में पौने दो घंटे का समय लग गया। कोट अमोड़ी में एनएच का 40 मीटर हिस्सा नदी में समाने की स्थिति में है। कठौल में चार जगह सड़क गायब है
एनएच बहने से पहाड़ी काटकर वाहन गुजरने लायक जगह बनाई गई है। जर्जर सड़क से हिचकोले खाकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे सीएम धामी का दर्द व जिम्मेदारों के प्रति गुस्सा दोनों झलका। मंच से संबोधन समाप्त पूरा करने से पहले सीएम धामी बोले, जिलाधिकारी अगर कहीं हों तो उनसे कहना चाहता हूं कि एक प्रस्ताव तत्काल लिखिए। मैं अभी टनकपुर से गाड़ी में बैठा, यहां चल्थी तक कोई नेटवर्क नहीं था
एनएच कई जगह पर क्षतिग्रस्त है। एनएच की देखरेख करने वाले विभागीय अधिकारी से कहिए इतना इंतजार मत कीजिए कि पूरी सड़क बह जाए। सड़क का तत्काल सर्वे कर ट्रीटमेंट कार्य शुरू करें। आदर्श चंपावत में सड़क व संचार सुविधा बेहतर होनी जरूरी है। यह क्षेत्र आदि कैलास यात्रा का प्रमुख मार्ग बन गया है।