मंत्राक्षरमयीं लक्ष्मीं मातृणां रूपधारिणीम्।
नवदुर्गात्मिकां साक्षात् कन्यामावाहयाम्यहम्।।
जगत्पूज्ये जगद्वन्द्ये सर्वशक्तिस्वरुपिणि । पूजां गृहाण कौमारि जगन्मातर्नमोस्तु ते।।
शासकीय आवास पर शारदीय नवरात्रि के नवम् दिवस पर अष्ट सिद्धियों की दात्री माँ सिद्धिदात्री की आराधना कर समस्त लोक कल्याण हेतु प्रार्थना की साथ ही सम्पूर्ण विधि-विधान से देवी स्वरूपा कन्याओं का पूजन किया।
आदिशक्ति माँ भगवती समस्त प्रदेशवासियों का कल्याण करें और उन्हें सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करें, ऐसी कामना करता हूँ।