उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चमोली के जिला न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया. साथ ही चंपावत जिला एवं सत्र न्यायालय कार्यालय में अटैच कर दिया है.
देहरादूनः चमोली जिले के जिला जज धनंजय चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया गया है. कोर्ट में बयान के दौरान अनुपस्थित रहने और अधिकारों का दुरुपयोग करने के मामले में उन्हें निलंबित किया गया है. साथ ही इस दौरान वह चंपावत जिला एवं सत्र न्यायालय कार्यालय में संबद्ध रहेंगे.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चमोली जिला जज धनंजय चतुर्वेदी को निलंबित किया.
उत्तराखंड हाईकोर्ट से आज की बड़ी खबर जिला जज के निलंबन को लेकर आई है. दरअसल, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से चमोली के जिला जज धनंजय चतुर्वेदी को निलंबित करने के आदेश हुए हैं. इस दौरान जिला जज धनंजय चतुर्वेदी को चंपावत के सत्र न्यायाधीश कार्यालय में संबद्ध किया गया है. जिला जज धनंजय चतुर्वेदी पर आरोप था कि वे कोर्ट में बयान दर्ज करवाने के दौरान अनुपस्थित थे. यही नहीं, उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग होने के बाद उनके द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए अधीनस्थ कर्मचारी के निजता का हनन भी किया.
मामले में जिला जज चमोली धनंजय चतुर्वेदी को 11 अप्रैल को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. इस मामले में जिला जज चमोली धनंजय चतुर्वेदी ने अपना पक्ष रखा, जिसमें उन्होंने जो सफाई दी, उसे संतोषजनक नहीं पाया गया. इसके बाद जिला जज चमोली को निलंबित कर दिया गया है.
रुद्रप्रयाग जिला जल सुमन यादव को नैनीताल जिला जज के रूप में स्थानांतरित.
आदेश में स्पष्ट है कि निलंबन के दौरान धनंजय चतुर्वेदी को चंपावत में सत्र न्यायाधीश कार्यालय में संबद्ध किया गया है. फिलहाल, जिला जज चमोली के रूप में अब धनंजय चतुर्वेदी की जगह किस को जिम्मेदारी दी गई है, इसकी जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है. उधर दूसरी तरफ, एक और आदेश जारी हुआ है जिसमें रुद्रप्रयाग जिला जल सुमन यादव को नैनीताल में जिला जज के रूप में स्थानांतरित किया गया है.