कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने प्रदेश सरकार की ओर से बस्तियों को तीन साल तक दी जाने वाली राहत को राजनीति स्टंट करार दिया है। लालचन्द शर्मा का कहना आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने बस्तियों को बचाने के लिए कैबिनट की बैठक में फैसला लिया। कहा कि अगर सरकार को वाक्य में बस्ती में रह रहे लोगों की चिंता है तो उन्हें मालिकाना हक क्यों नहीं दिया जा रहा है। इससे पहले नगर निकायों के चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने बस्तियों को बचाने के लिए तीन साल का अध्यादेश लाया था। अब जब विधानसभा चुनाव आने वाले हैं तो फिर से तीन साल के लिए राहत दी गई है। जबकि सरकार को बस्तियों को वैध करने के लिए उन्हें मालिकाना हक देना चाहिए था। लालचंद शर्मा ने कहा कि बस्तियों में वोटों की राजनीति को लेकर सरकार इस तरह के फैसले रही है। उन्होंने कहा कि बस्तियों में सड़क बन चुकी है। पानी, बिजली से लेकर स्ट्रीट लाइट की पूरी सुविधा है। ऐसे में सरकार को तीन साल की राहत देने की बजाय बस्तियों को मालिकाना हक देना चाहिए था। कहा कि कांग्रेस हमेशा से बस्तियों की हितेषी रही है। पूर्व कांग्रेस सरकार में भी बस्तियों को वैध करने के लिए एक्ट लाया गया था। जिस पर बस्तियों को वैध करने का काम भी शुरू हो गया था, लेकिन जब तक उस पर पूरी तरह से काम होता तब तक प्रदेश में भाजपा की सरकार आ गई। इसके बाद आगे कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। लालचन्द शर्मा ने कहा कि इसलिए पूर्व कांग्रेस सरकार में लाए गए एक्ट के तहत की गई कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाना चाहिए था।