देहरादून राज्य सरकार में उधमसिंहनगर के सितारगंज से विधायक व कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या करने की योजना की प्लानिंग आरोपियों ने जेल में बनाई और उनके घर की रेकी से लेकर स्वयं मंत्री से एक आरोपी बीस मिनट तक मुलाकात करके भी चला गया। बावजूद इसके जिला पुलिस से लेकर खुफिया एजेंसियों को कोई इनपुट नही मिल सका। मंत्री जी किस्मत वाले है कि उनका एक शुभचिंतक उन्हे ये सारी जानकारी दे गया तो अंत में पुलिस ने भी आरोपियों को पकडकर अपनी सफलता का दावा पेश कर दिया। खुद मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा है कि आरोपियों से जुड़ी सारी जानकारी व मोबाइल नंबर उन्होने पुलिस को दिये थे मुख्यमंत्री धामी को धन्यवाद देते हुये मंत्री कहते है कि मुख्यमंत्री जी की तत्परता से ही मामले का खुलासा हो सका है। उत्तराखंड में शायद पहली बार किसी मंत्री को इस प्रकार मौत के घाट उतारने का प्लान तैयार किया गया हो जैसा कि फिल्मों व कभी बिहार यूपी में सुना जाता था।
ऐसा पहली बार नही है कि जब राज्य में इंटेलिजेंस पर सवाल उठ रहे है कि लेकिन उधमसिंहनगर जैसे संवेदनशील जिले में एक कैबिनेट मंत्री की हत्या की साजिश की प्लानिंग बनाते हुये उनकी घर की रेकी करने में भी सफलता प्राप्त कर लेना बदमाशों की एक बडी सफलता ज्बकि एजेंसियों की ये एक बडी चूक है।मंत्री सौरभ बहुगुणा भी कहते है कि अब वो बहुत एतिहायत के साथ विशेषकर उधमसिंहनगर के जिले के अपने भ्रमण पर रहेंगें राज्य की एजेंसियाँ यदि कोई नया प्रोटोकॉल निर्धारित करती है तो वो उसका पालन भी करेंगें। मंत्री कुछ ऐसी बातें भी बताते है जिसे सुनकर और भी हैरानी व उनकी हत्या की सटीक प्लानिंग की तस्दीक होती है। मंत्री 2 अक्टूबर को उधमसिंहनगर के जिले के दौरे पर थे तो एक आरोपी को 1 अक्टूबर की एक माह की पैरोल मिल जाना,गिरफ्तार आरोपियों में से एक का उनके घर पहुंचकर रेकी कर लेना और आगामी चुनावों को लेकर खुद मंत्री से चर्चा भी कर लेना इन सबके बीच सबसे रोचक ये है कि खुद मंत्री के एक शुभचिंतक ने् भी पुलिस प्रशासन के बजाए सीधे मंत्री को ही सूचना देना बेहतर समझा मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सारा विषय सीधा मुख्यमंत्री धामी के संज्ञान में ला दिया था । 5 अक्टूबर को जैसे ही मंत्री को ये सारा विषय अपने शुभचिंतक से पता लगा उधमसिंहनगर जिला प्रशासन से खुद मंत्री ने ये सारी जानकारी साझा की इसके बाद पुलिस इंटेलिजेंस व प्रशासन को ये सारी भनक लग सकी। मंत्री बातचीत में साफ तौर पर अब विशेष एतिहात बरतने की बात कहते है उनकी बातचीत से भी साफ झलकता है कि उधमसिंहनगर में सब कुछ ठीक ठाक नही चल रहा है।
पुलिस प्रेस कांफ्रेंस के मुताबिक नगर के नजदीक ग्राम कोटाफार्म निवासी हीरा सिंह पुत्र चंबा राम पूर्व में गेहूं चोरी के मामले में जेल गया था हीरा सिंह अवैध खनन भी करता है जो अब बंद हो गया था हीरा सिंह इन सब के पीछे सौरभ बहुगुणा को कसूरवार मानता था ओर बदला लेने की ठान ली थी हीरा सिंह जब गेहूं चोरी में जेल में था उस समय जेल में ही सतनाम सिंह बात की ओर उसने जेल के बाहर हरभजन सिंह के साथ अजीज से मिलने को कहा दोनो से 20 लाख की बात जिसपर 5,70 लाख एडवांस दिए ओर बाकी पैसे काम होने के बाद में देने की बात हुई।कुछ दिनों बाद हीरा सिंह जेल से आने के बाद मंत्री के कार्यक्रमों पर नजर रखने लगा,हीरा सिंह के बयान को अजीज ने सहमति जताते हुए कहा 3 लाख रुपए मां के इलाज में खर्च हो गए।पुलिस ने अजीज से 2 लाख 70 हजार रुपए बरामद कर हीरा सिंह से कार सिफ्ट बरामद की है। पुलिस ने खुलासा करते हुए चारो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।