प्रदेश के कुछ नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में पदों के अनंतिम आरक्षण पर भाजपा के भीतर ही असहमति के स्वर गूंज रहे हैं। खासतौर पर इन नगर निगमों में आरक्षण पर स्थानीय भाजपाइयों ने एतराज जताया है।
प्रदेश के कुछ नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में पदों के अनंतिम आरक्षण पर सत्तारूढ़ भाजपा के भीतर ही असहमति के स्वर गूंज रहे हैं। खासतौर पर ऋषिकेश, हरिद्वार, हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ नगर निगमों में आरक्षण पर स्थानीय भाजपाइयों ने एतराज जताया है और कुछेक मामलों में तो कोर्ट जाने की धमकी दे डाली है।
अपनी ही सरकार द्वारा निर्धारित आरक्षण के खिलाफ नाराजगी से पार्टी भी असहज मानी जा रही है। हालांकि, पार्टी फोरम पर शिकायत दर्ज करने वालों को शहरी विकास विभाग में तर्कों और तथ्यों संग अपनी आपत्ति दर्ज करने की सलाह दी जा रही है। ऋषिकेश नगर निगम में मेयर पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया है
प्रदेश के कुछ नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में पदों के अनंतिम आरक्षण पर भाजपा के भीतर ही असहमति के स्वर गूंज रहे हैं। खासतौर पर इन नगर निगमों में आरक्षण पर स्थानीय भाजपाइयों ने एतराज जताया है।
प्रदेश के कुछ नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में पदों के अनंतिम आरक्षण पर सत्तारूढ़ भाजपा के भीतर ही असहमति के स्वर गूंज रहे हैं। खासतौर पर ऋषिकेश, हरिद्वार, हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ नगर निगमों में आरक्षण पर स्थानीय भाजपाइयों ने एतराज जताया है और कुछेक मामलों में तो कोर्ट जाने की धमकी दे डाली है।
अपनी ही सरकार द्वारा निर्धारित आरक्षण के खिलाफ नाराजगी से पार्टी भी असहज मानी जा रही है। हालांकि, पार्टी फोरम पर शिकायत दर्ज करने वालों को शहरी विकास विभाग में तर्कों और तथ्यों संग अपनी आपत्ति दर्ज करने की सलाह दी जा रही है। ऋषिकेश नगर निगम में मेयर पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया है।
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इससे प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा में ही निवर्तमान मेयर समेत एक दर्जन से अधिक पार्टी से जुड़े नेताओं के उम्मीदों को झटका लगा है। इस झटके उबरने के लिए सभी नेताओं ने अपने-अपने स्तर पर इसका आपत्ति करनी शुरू कर दी है। हल्द्वानी नगर निगम में मेयर पद पर ओबीसी होने से स्थानीय पार्टी नेताओं में मायूसी है। इस सीट के सामान्य रहने की उम्मीद की जा रही थी। पिथौरागढ़ और अल्मोड़ नगर निगम का मेयर पद महिला के लिए आरक्षित होने से भी पार्टी कार्यकर्ताओं में एतराज है। नाराजगी हरिद्वार में भी हैं। हरिद्वार नगर निगम का मेयर पद अभी तक महिला के लिए आरक्षित था।
इस बार भाजपा में ही पुरुष दावेदारों की सीट के सामान्य होने की उम्मीद लगी थी, लेकिन इस बार मेयर पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हो गया। इसे लेकर भी टिकट के दावेदारों में भारी मायूसी है। विकासनगर और मसूरी पालिका के आरक्षण को लेकर तो भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी खुलकर सामने आ गए हैं। दोनों ही निकायों में टिकट के दावेदारों ने नाराजगी जाहिर की है। विकासनगर पालिकाध्यक्ष पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने पर चौहान ने एतराज जताया है
वहीं, मसूरी पालिकाध्यक्ष का पद अन्य पिछड़ा जाति (महिला) के लिए आरक्षित कर दिया है। इसके अलावा अन्य निकायों में भी कहीं खुलकर तो कहीं दबी जुबान असहमति के स्वर सुनाई दे रहे हैं। कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री तक से दूरभाष पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
निकायों में आरक्षण को लेकर सहमति और असहमति हो सकती है। कुछ निकायों में पार्टी के लोगों ने भी एतराज जताया है। पार्टी के सामने भी ये बातें आई हैं। सभी को सलाह दी जा रही कि वे शहरी विकास विभाग में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। यदि उनकी आपत्ति तर्कसंगत, तथ्यपरक और नियम सम्मत होगी तो विभाग उसका संज्ञान लेगा।
– आदित्य कोठारी, प्रदेश महामंत्री, भाजपा