देहरादून राज्य में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी के अनुशांसिगक संगठन भारतीय जनता युवा मोर्चा भाजयुमों की बाइक रैली में नियमों का तो ताक पर रखा ही गया। कोविड के प्रोटोकॉल का भी जमकर मजाक उडाय़ा गया। रैली में आई बाइकों से बमनुमा आवाजों से आम आदमी तो छोडिय़े पुलिस मुख्यालय में बैठे अफसर भी सुनकर हिल गये। राजधानी की सडकों पर शनिवार को बाइक रैली के नाम पर जमकर मनमानी हुई।
एक मोटर साइकिल पर तीन तीन सवार न हैल्मेट न मॉस्क और हाथो में लहराता भाजपा के ध्वज ने राजधानी में कोविड जैसी महामारी में बता दिया कि शक्ति प्रदर्शन से बडा कुछ नही है। हाल ही में घोषित हुई युवा मोर्चा कार्यकारिणी के उपलक्ष्य में बाइक रैली का आय़ोजन किया गया था। रैली में राज्य सभा सांसद नरेश बंसल,मेयर सुनील उनियाल गामा,विधायक गणेश जोशी, विधायक खजानदास व पार्टी संगठन के कुलदीप कुमार स्वयं मौजूद थे। पुलिस मुख्यालय के सामने स्थित गेस्ट हाउस से रैली रवाना होनी थी लेकिन जैसे ही बम जैसी धमाकें की आवाजें व आतिशबाजी शुरु हुई लोग डर गये। खचाखच भीड में जमकर शक्ति प्रदर्शन किय़ा गया पुलिस प्रशासन ने भी सीधे तौर पर रोकने टोकने से गुरेज किया। मौजूदा समय में किसी भी आयोजन में 200 से अधिक लोग नही पंहुच सकते लेकिन भाजयुमों की रैली में ये नियम भी मजाक में उड गया। रैली शुरु होने व समाप्त होने तक राजधानी में लोग डरे डरे ही नजर आये। भाजयुमो प्रवक्ता आशीष रावत के मुताबिक रैली आयोजन की परमीशन ली गई थी सभी नियमों का पालन किया गया है। बाइकों की संख्या उत्साहित कार्यकर्ताओं की वजह से अधिक हो गई थी जिन्हे बाद में मना कर घर भेज दिया गया था।