सहायक आबकारी आयुक्त मनोज कुमार उपाध्याय ने दर्ज कराया मुकदमा,महिला के खिलाफ बडे आरोपों का खुलासा

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देहरादून राजधानी के सहायक आबकारी आयुक्त रह चुके मनोज उपाध्याय के खिलाफ दर्ज रेप के मामले में अब और भी बडा खुलासा मनोज उपाध्याय दारा उक्त महिला पर ब्लैकमेलिंग समेत अन्य गंभीर धाराओ में राजधानी के डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज कराने के बाद हुआ है। मामले में पुलिस की एक टीम जल्द ही जांच व महिला के बयान के लेने के लिये गुडगांव रवाना होने की तैयारी में भी है। 


दर्ज एफआईआर में ये है जिक्र  
सहायक आबकारी आयुक्त दारा दर्ज कराए गये मुकदमे में कहा गया है कि कि प्रार्थी मनोज कुमार उपाध्याय, उत्तराखण्ड आवकारी विभाग देहरादून मे सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर नियुक्त है। वर्ष 2016-17 मे सोशल मीडिया (चैट) के माध्यम से प्रार्थी की बातचीत एक महिला से हुई। तत्समय उसके द्वार अवगत कराया गया था कि अकेली व बेसहारा है तथा तलाकशुदा है तथा उसके दो बच्चे है वो देहरादून के बोर्डिंग स्कूल  मे अध्ययनरत है। प्रार्थी व उक्त महिला के मध्य साधारण वार्तालाप/चैट होती थी। माह सितम्बर-17 में अपने पुत्र के जन्म दिवस के अवसर पर देहरादून आई, और अपने पुत्र पुत्री के साथ एक होटल  निकट द्वारिका स्टोर) मे रुकी मुलाकात के दौरान ही  अपने को मूलरूप से बनारस की रहने वाली बताया गया तथा शादी के बाद तलाक के फलस्वरूप गुड़गांव में रहना बताया गया प्रार्थी का भी मूल निवास / गृह जनपद मऊ (उ0प्र0) जो बनारस क्षेत्र के निकट है। मूल रूप से निकटवर्ती क्षेत्र का होने के कारण प्रार्थी व महिला के मध्य चैटिंग बढ़ गई, जो सभी सामान्य बातचीत ही थी। इस वार्तालाप में आरोपी महिला ने वह एक निजी कम्पनी की Authorised Agent है और insurance Policy कर अपना जीवन अपना जीवन यापन करती है और प्रार्थी से आग्रह किया कि वह (मै) भी अपनी तथा अपने परिचितों की उससे कुछ insueance Policy करा ले जिससे कि  कुछ आर्थिक मदद हो जाए और असका अपना एक निर्धारित insurance का Targat पूरा हो जाय अपने क्षेत्र वाराणसी क्षेत्र) की समझते हुए व मानवता के चलते प्रार्थी ने अपने परिचितों से निवेदन कर उनके लिये मीनू श्रीवास्तव से सोच समझकर / स्वेच्छा से Insurance Policy कराई। Insurance Policy को करने के समय-समय पर अलग-अलग व्यक्तियों यथा सौरभ गुलाटी, अशोक सिंह, राम गोपाल, प्रवीण कुमार आते थे  प्रार्थी को बाद में जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त Insurance Policy करने के एवज में बहुत मोटा कमीशन की धनराशि मिलती है और निर्धारित Target पूरा हो जाने पर विदेश भ्रमण (Foreign tour) का भी अवसर मिलता है। समय-समय पर अपने कम्पनी के साथ काम करने वाले व्यक्तियों अशोक आदि के साथ देहरादून आकर महिला द्वारा Insurance Policy बेर एक निर्धारित Target पूरा करने पर उसको SPAIN (EUROPE) का free tour उसकी कम्पनी द्वारा Award किया गया। धीरे-धीरे महिला का लालच बढ़ने के कारण प्रार्थी की ओर लहजा बदलता गया और धमकी भरे लहजे में कहती कि उसकी MRDT Qualifly कराओ (जिसका मतलब सम्भवतः एक साल में करोड़ों रुपये Premium की Insurance Policy कराना होता है) प्रार्थी ने यथा सम्भव मीनू श्रीवास्तव के साथ देहरादून आने वाले Insurance कम्पनी के प्रतिनिधियों से अपने जाननेवालों / परिचितों से परिचय कराते हुए, सम्बन्धित के आवश्यकतानुसार स्वेच्छा से Insurance Policy हेतु निवेदन किया और इस अवधि में लगभग 35-40 लाख रुपये कुल •प्रीमियम की लोगों द्वारा Insurance Policy भी खरीदी गई। लेकिन विगत दो वर्षों में कोरोना महामारी के चलते लोगों की माली हालत बिगड़ने, व्यवसाय खराब होने के कारण निवेशकों को अपनी परेशआनी/ मजबूरी होने के कारण Insurance Policy में Target पूरा करने के हिसाब से और अधिक निवेश न कर पाने सम्बन्धित  व उनकी कम्पनी के अन्य व्यक्तियों को अवगत कराया गया। महिला  द्वारा बताया गया कि उसने परिवार के अन्य सदस्यों और परिचितों को जल्दी MRDT Qualifly कर लेने से अवगत कराया हुआ है, और MRDT न पूरा होने के कार लोग उसका मजाक उड़ा रहे है। साथ ही उसने धमकी देना शुरू किया कि प्रार्थी अपने पद का दुरुपयोग करके अपने परिचितों से यदि उसकी (मीनू श्रीवास्तव की) MRDT Target पूरा नहीं हुआ तो वह प्रार्थी (मुझ पर) पर ऐसा आरोप लगाएगी की मुझे (प्रार्थी को बहुत
2ज्यादा तकलीफ होगी और में किसी को मुँह दिखाने लायक नहीं रहूँगा। इस प्रकार की धमकी पाकर प्रार्थी ने महिला से वार्तालाप पहले बहुत कम तथा बाद में बन्द कर दी। परन्तु फिर भी उसके व्यक्तियों अशोक आदि से सम्पर्क कर 31.12.2021 तक स्वैच्छिक Insurance Policy कम होने के बावजूद भी तत्काल MRDT Target पूरा करने सम्बन्धित अपनी अनुचित मांग पर अड़ी रही और फोन पर सम्पर्क आदि न करने के कारण पणयंत्र के तहत मेरे खिलाफ गुड़गांव एक झूठी शिकायत के साथ धारा 376 की शिकायत दर्ज करा दी। महोदय महिला एक बहुत ही पेशेवर/ शातिर किस्म की महिला है जो Insurance Policy के नाम पर 30-40% (प्रतिशत) Peremium में से कमीशन लेती है और इस अन्दाज से करती है कि मुझ पर कोई सवालिया निशान न लगा सके। अपने इस अनुचित कार्य में अपने परिवार के अन्य सदस्यों से भी हम जैसे लोगों का विश्वास जीतने के लिये, सोची समझी रणनीति के तहत परिचय कराती है और उनके लिये Favour प्राप्त करती है और बाद में आगे चलकर दबाव डालकर धमकी देकर MRDT Target पूरा कराने तथा अन्य रूप में अपने अन्य सहयोगियों के साथ हम जैसे भोले-भाले व्यक्तियों का Extortion करती है और मैं भी उसकी  इसी Extortion का शिकार हुआ हूँ। महोदय प्रार्थी ने  महिला के साथ कभी भी कुछ गलत नहीं किया है मैं अपनी Brain mapping/ Poligraph test कराने के लिये तैयार हूँ और चाहता हूँ कि महिला का भी Brain mapping/ Poligraph test हो जिससे कि सच सामने आ सके। महोदय महिला सुशान्त लोक गुड़गाँव द्वारा दर्ज करायी गयी झूठी शिकायत धारा 376 के फलस्वरूप प्रार्थी व उसका परिवार महिला व उसके अन्य सहयोगी लोगों से अपने जीवन को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तथा प्रार्थी व उसका परिवार अत्यधिक भय व असुरक्षा के वातावरण में रह रहे है। अतः महोदय से अनुरोध है कि प्रार्थी एवं उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान करते हुये प्रार्थी द्वारा प्रेषित रिपोर्ट दर्ज कर मीनू श्रीवास्तव व अन्य के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्यवाही करने का कष्ट करें

देहरादून राजधानी के सहायक आबकारी आयुक्त रह चुके मनोज उपाध्याय के खिलाफ दर्ज रेप के मामले में अब और भी बडा खुलासा मनोज उपाध्याय दारा उक्त महिला पर ब्लैकमेलिंग समेत अन्य गंभीर धाराओ में राजधानी के डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज कराने के बाद हुआ है। मामले में पुलिस की एक टीम जल्द ही जांच व महिला के बयान के लेने के लिये गुडगांव रवाना होने की तैयारी में भी है। 
दर्ज एफआईआर में ये है जिक्र  
सहायक आबकारी आयुक्त दारा दर्ज कराए गये मुकदमे में कहा गया है कि कि प्रार्थी मनोज कुमार उपाध्याय, उत्तराखण्ड आवकारी विभाग देहरादून मे सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर नियुक्त है। वर्ष 2016-17 मे सोशल मीडिया (चैट) के माध्यम से प्रार्थी की बातचीत एक महिला से हुई। तत्समय उसके द्वार अवगत कराया गया था कि अकेली व बेसहारा है तथा तलाकशुदा है तथा उसके दो बच्चे है वो देहरादून के बोर्डिंग स्कूल  मे अध्ययनरत है। प्रार्थी व उक्त महिला के मध्य साधारण वार्तालाप/चैट होती थी। माह सितम्बर-17 में अपने पुत्र के जन्म दिवस के अवसर पर देहरादून आई, और अपने पुत्र पुत्री के साथ एक होटल  निकट द्वारिका स्टोर) मे रुकी मुलाकात के दौरान ही  अपने को मूलरूप से बनारस की रहने वाली बताया गया तथा शादी के बाद तलाक के फलस्वरूप गुड़गांव में रहना बताया गया प्रार्थी का भी मूल निवास / गृह जनपद मऊ (उ0प्र0) जो बनारस क्षेत्र के निकट है। मूल रूप से निकटवर्ती क्षेत्र का होने के कारण प्रार्थी व महिला के मध्य चैटिंग बढ़ गई, जो सभी सामान्य बातचीत ही थी। इस वार्तालाप में आरोपी महिला ने वह एक निजी कम्पनी की Authorised Agent है और insurance Policy कर अपना जीवन अपना जीवन यापन करती है और प्रार्थी से आग्रह किया कि वह (मै) भी अपनी तथा अपने परिचितों की उससे कुछ insueance Policy करा ले जिससे कि  कुछ आर्थिक मदद हो जाए और असका अपना एक निर्धारित insurance का Targat पूरा हो जाय अपने क्षेत्र वाराणसी क्षेत्र) की समझते हुए व मानवता के चलते प्रार्थी ने अपने परिचितों से निवेदन कर उनके लिये मीनू श्रीवास्तव से सोच समझकर / स्वेच्छा से Insurance Policy कराई। Insurance Policy को करने के समय-समय पर अलग-अलग व्यक्तियों यथा सौरभ गुलाटी, अशोक सिंह, राम गोपाल, प्रवीण कुमार आते थे  प्रार्थी को बाद में जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त Insurance Policy करने के एवज में बहुत मोटा कमीशन की धनराशि मिलती है और निर्धारित Target पूरा हो जाने पर विदेश भ्रमण (Foreign tour) का भी अवसर मिलता है। समय-समय पर अपने कम्पनी के साथ काम करने वाले व्यक्तियों अशोक आदि के साथ देहरादून आकर महिला द्वारा Insurance Policy बेर एक निर्धारित Target पूरा करने पर उसको SPAIN (EUROPE) का free tour उसकी कम्पनी द्वारा Award किया गया। धीरे-धीरे महिला का लालच बढ़ने के कारण प्रार्थी की ओर लहजा बदलता गया और धमकी भरे लहजे में कहती कि उसकी MRDT Qualifly कराओ (जिसका मतलब सम्भवतः एक साल में करोड़ों रुपये Premium की Insurance Policy कराना होता है) प्रार्थी ने यथा सम्भव मीनू श्रीवास्तव के साथ देहरादून आने वाले Insurance कम्पनी के प्रतिनिधियों से अपने जाननेवालों / परिचितों से परिचय कराते हुए, सम्बन्धित के आवश्यकतानुसार स्वेच्छा से Insurance Policy हेतु निवेदन किया और इस अवधि में लगभग 35-40 लाख रुपये कुल •प्रीमियम की लोगों द्वारा Insurance Policy भी खरीदी गई। लेकिन विगत दो वर्षों में कोरोना महामारी के चलते लोगों की माली हालत बिगड़ने, व्यवसाय खराब होने के कारण निवेशकों को अपनी परेशआनी/ मजबूरी होने के कारण Insurance Policy में Target पूरा करने के हिसाब से और अधिक निवेश न कर पाने सम्बन्धित  व उनकी कम्पनी के अन्य व्यक्तियों को अवगत कराया गया। महिला  द्वारा बताया गया कि उसने परिवार के अन्य सदस्यों और परिचितों को जल्दी MRDT Qualifly कर लेने से अवगत कराया हुआ है, और MRDT न पूरा होने के कार लोग उसका मजाक उड़ा रहे है। साथ ही उसने धमकी देना शुरू किया कि प्रार्थी अपने पद का दुरुपयोग करके अपने परिचितों से यदि उसकी (मीनू श्रीवास्तव की) MRDT Target पूरा नहीं हुआ तो वह प्रार्थी (मुझ पर) पर ऐसा आरोप लगाएगी की मुझे (प्रार्थी को बहुत
2ज्यादा तकलीफ होगी और में किसी को मुँह दिखाने लायक नहीं रहूँगा। इस प्रकार की धमकी पाकर प्रार्थी ने महिला से वार्तालाप पहले बहुत कम तथा बाद में बन्द कर दी। परन्तु फिर भी उसके व्यक्तियों अशोक आदि से सम्पर्क कर 31.12.2021 तक स्वैच्छिक Insurance Policy कम होने के बावजूद भी तत्काल MRDT Target पूरा करने सम्बन्धित अपनी अनुचित मांग पर अड़ी रही और फोन पर सम्पर्क आदि न करने के कारण पणयंत्र के तहत मेरे खिलाफ गुड़गांव एक झूठी शिकायत के साथ धारा 376 की शिकायत दर्ज करा दी। महोदय महिला एक बहुत ही पेशेवर/ शातिर किस्म की महिला है जो Insurance Policy के नाम पर 30-40% (प्रतिशत) Peremium में से कमीशन लेती है और इस अन्दाज से करती है कि मुझ पर कोई सवालिया निशान न लगा सके। अपने इस अनुचित कार्य में अपने परिवार के अन्य सदस्यों से भी हम जैसे लोगों का विश्वास जीतने के लिये, सोची समझी रणनीति के तहत परिचय कराती है और उनके लिये Favour प्राप्त करती है और बाद में आगे चलकर दबाव डालकर धमकी देकर MRDT Target पूरा कराने तथा अन्य रूप में अपने अन्य सहयोगियों के साथ हम जैसे भोले-भाले व्यक्तियों का Extortion करती है और मैं भी उसकी  इसी Extortion का शिकार हुआ हूँ। महोदय प्रार्थी ने  महिला के साथ कभी भी कुछ गलत नहीं किया है मैं अपनी Brain mapping/ Poligraph test कराने के लिये तैयार हूँ और चाहता हूँ कि महिला का भी Brain mapping/ Poligraph test हो जिससे कि सच सामने आ सके। महोदय महिला सुशान्त लोक गुड़गाँव द्वारा दर्ज करायी गयी झूठी शिकायत धारा 376 के फलस्वरूप प्रार्थी व उसका परिवार महिला व उसके अन्य सहयोगी लोगों से अपने जीवन को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तथा प्रार्थी व उसका परिवार अत्यधिक भय व असुरक्षा के वातावरण में रह रहे है। अतः महोदय से अनुरोध है कि प्रार्थी एवं उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान करते हुये प्रार्थी द्वारा प्रेषित रिपोर्ट दर्ज कर मीनू श्रीवास्तव व अन्य के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्यवाही करने का कष्ट करें