अनिल बलूनी ने सदन में पूछा मानव वन्य जीव संघर्ष रोकने को क्या हुआ प्रयास

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उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष पर केंद्र सरकार का जवाब
राज्य स्तर पर उपशमन प्रकोष्ठ गठित, तेंदुओं की आबादी का आकलन पूरा

उत्तराखंड में लगातार बढ़ रही मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को लेकर देहरादून गढ़वाल सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी द्वारा संसद में उठाए गए प्रश्न पर केंद्र सरकार ने स्थिति स्पष्ट की है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तवर्धन सिंह ने लिखित उत्तर में बताया कि मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन की प्रमुख जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की होती है।

मंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से समय-समय पर मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण फसल नुकसान और अन्य घटनाओं की जानकारी प्राप्त होती रहती है। ऐसी परिस्थितियों में प्राथमिक कार्रवाई संबंधित राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा ही की जाती है।

उत्तराखंड के संदर्भ में मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा एक “मानव-वन्यजीव संघर्ष उपशमन प्रकोष्ठ” का गठन किया गया है। इस तंत्र के माध्यम से मानव-वन्यजीव संघर्ष से जुड़ी घटनाओं की पहचान, निगरानी और समाधान के लिए व्यवस्थित रूप से कार्य किया जा रहा है। साथ ही संबंधित रिकॉर्ड और आंकड़ों का विधिवत प्रलेखन एवं रखरखाव भी किया जा रहा है।

इसके अलावा मंत्री ने जानकारी दी कि भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून की सहायता से उत्तराखंड में तेंदुओं की आबादी के आकलन का कार्य पूरा कर लिया गया है, जिससे भविष्य की रणनीति और प्रबंधन में सहायता मिलेगी।

केंद्र सरकार के इस जवाब से स्पष्ट है कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को लेकर राज्य स्तर पर तंत्र विकसित किया गया है और वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर आगे की कार्यवाही की जा रही है।