परीक्षा में अनियमितता पर सेक्टर मजिस्ट्रेट निलंबित, ग्राम विकास विभाग के अधिकारी केएन तिवारी पर कार्रवाई

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हरिद्वार: परीक्षा में अनियमितता पर सेक्टर मजिस्ट्रेट निलंबित, ग्राम विकास विभाग के अधिकारी केएन तिवारी पर कार्रवाई

देहरादून, 24 सितम्बर 2025:
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा के दौरान परीक्षा पेपर लीक से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात श्री के०एन० तिवारी, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, हरिद्वार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

परीक्षा के दौरान हरिद्वार जिले के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज (केन्द्र कोड-1302) में एक अभ्यर्थी द्वारा मोबाइल फोन से प्रश्नपत्र के 12 प्रश्नों की फोटो खींचकर परीक्षा केन्द्र से बाहर भेजने का मामला प्रकाश में आया। यह घटना परीक्षा की पारदर्शिता और गोपनीयता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है।

संबंधित केंद्र पर जनपद स्तरीय अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती के बावजूद इस तरह की चूक सामने आना, आयोग द्वारा गंभीर लापरवाही मानी गई। आयोग ने सचिव, ग्राम्य विकास विभाग को पत्र भेजकर इस संबंध में उपयुक्त कार्रवाई करने का आग्रह किया था।

इस क्रम में राज्य सरकार ने यह मानते हुए कि श्री तिवारी अपने कार्यदायित्वों के प्रति संवेदनशील नहीं रहे, उन्हें निलंबित कर दिया है और आगामी आदेशों तक उन्हें ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय, पौड़ी से संबद्ध किया गया है।

वेतन की शर्तें निलंबन अवधि में

निलंबन की अवधि में श्री के०एन० तिवारी को केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, जो उनके मूल वेतन के अर्द्ध वेतन के बराबर होगा। उन्हें महंगाई भत्ता या अन्य भत्तों का लाभ नहीं मिलेगा, जब तक वह यह प्रमाण-पत्र नहीं प्रस्तुत करते कि वे किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार या व्यवसाय में संलग्न नहीं हैं।

इस मामले से जुड़ी रिपोर्ट को विभिन्न उच्चाधिकारियों, विभागों और आयोग को भी भेजा गया है ताकि आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।


पृष्ठभूमि

इस पूरे प्रकरण को लेकर बेरोजगार संगठनों और छात्रों में भारी आक्रोश है। कई संगठनों ने जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पेपर लीक की इस घटना से परीक्षा की विश्वसनीयता को गहरा आघात पहुंचा है।