देहरादून सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी के खिलाफ सचिवालय प्रशासन के दारा जांच के आदेशों से नाराज जनरल ओबीसी कर्मचारी संघ का आंदोलन उग्र रूप लेता जा रहा है।प्रदेश में विरोध स्वरूप काली पट्टी एक दिवसीय अनशन के बाद सचिवालय में भी कर्मचारियो ने आंदोलन शुरु कर दिया है। कर्मचारी अब अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूडी के दफ्तर के बाहर बैठ गये है मांग की गई है कि जारी जांच के आदेशों को वापस लिया जाए।
अध्यक्ष दीपक जोशी के मुताबिक महामारी कोविड-19 की इस विपरीत परिस्थितियों में प्रदेश के कार्मिकों द्वारा सरकार को दिए गए अपेक्षित सहयोग के विपरीत मान्यता प्राप्त कार्मिक सेवा संघों के पदाधिकारियों के साथ व्यक्तिगत द्वेष भावना से ग्रसित होकर की जा रही उत्पीड़न की कार्यवाही निश्चित रूप से प्रदेश के कार्मिकों को उनके अपेक्षित सहयोग हेतु पुरस्कृत किया जाना प्रतीत होता है। कोरोना काल में राज्य सरकार के महत्वपूर्ण कार्य को छोड़कर राज्य की सर्वोच्च कार्यालय इकाई सचिवालय के सेवा संघ के पदाधिकारी को उसके शासकीय पदनाम से संबोधित करते हुए टारगेट किया जाना तथा नियम विरुद्ध आरोप पत्र देना सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति को प्रदर्शित करता है। जब तक सरकार का यह निर्णय शासन के सक्षम अधिकारी वापस नहीं ले लेते, तब तक एक कार्मिक होने के नाते एवं सचिवालय संघ का पदाधिकारी होने के नाते संघर्ष जारी रहेगा। वर्तमान समय में राज्य सरकार द्वारा किसी सेवा संघ के पदाधिकारी के विरुद्ध किए जा रहे अविधिक उत्पीड़न की इस लड़ाई में सेवा संघों के अस्तित्व पर किए गए प्रहार को रोकने एवं इसकी पुनरावृति प्रदेश के किसी भी अन्य सेवा संघ के पदाधिकारी के विरुद्ध भविष्य में न किए जाने के संकल्प हेतु प्रदेश के सभी सेवा संघो एवं परिसंघो के जिम्मेदार पदाधिकारियों से कार्मिक सेवा संघो के अस्तित्व को भविष्य के लिए सुरक्षित रखे जाने हेतु अपेक्षित सहयोग का अनुरोध है। आज सरकार के निशाने पर सचिवालय संघ का एक पदाधिकारी आया है, कल किसी दूसरे संघ/परिसंघ का पदाधिकारी आएगा, जिसके बाद प्रदेश के कार्मिक सेवा संघों के अंतर्गत आम सदस्य गणों के सेवा हितों का संरक्षण कर पाना संभव नहीं हो पाएगा।