देहरादून। कोविड के बढ़ते मामलों को देख यदि सरकार ने सख्ती की है तो ये बेवजह नही है इसके पीछे तमाम एक्सपर्ट ओपीनियन व स्वास्थ्य महकमे से मिल रही जानकारी है।कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कोविड-19 के आए तीन नए वेरिएंट ने एक बार फिर विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। तीनों नए वेरिएंट वैक्सीन लगे लोगों को भी प्रभावित कर रहे हैं।
दून मेडिकल कॉलेज की वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब (वीआरडीएल) से राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को भेजे गए छह सैंपल में तीन अलग-अलग वेरिएंट की पुष्टि हुई है। वीआरडीएल के को-इन्वेस्टिगेटर
ये हैं तीन नए वेरिएंट
दून से भेजे गए छह सैंपल में से तीन में बी. 1.6.1.7 दो सैंपल में यूके स्ट्रेन बी.1.1.7 वेरिएंट पाया गया, जबकि एक सैंपल में अलग तरह के वेरिएंट की पुष्टि हुई है। लैब के एचओडी डॉ. शेखर पाल ने बताया कि कोरोना के नए वेरिएंट में फैलने की क्षमता 70 फीसदी अधिक होने के चलते तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।
कोरोना के नए वेरिएंट की पुष्टि हुई है। बताया कि कोरोना का नया वेरिएंट पुराने वेरिएंट की तुलना में 70 फीसदी अधिक फैलने की क्षमता
डॉ. दीपक जुयाल ने बताया कि जीनोम रखता है। यह कोरोना का टीका लगा चुके लोगों सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए छह सँपल में को भी प्रभावित कर रहा है।
हर माह भेजे जाते हैं पांच सैंपल
नए वेरिएंट की पहचान के लिए वीआरडीएल की ओर से एनसीडीसी को हर महीने पांच पॉजिटिव सैंपल भेजे जाते हैं। डॉ. दीपक जुयाल ने बताया कि मार्च में भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
बंद कमरे में न बैठें टीका लगवा चुके लोग
डॉ. दीपक जुयाल ने बताया कि अच्छी तरह और डबल मास्क लगाएं। अनावश्यक घर से बाहर न जाएं और बंद कमरे या कार में न बैठें। कमरे और कार में बैठते हुए खिड़की अवश्य खोल लें। बताया कि कैंसर, टीबी, हृदय संबंधित, किडनी ट्रांसप्लांट, डायलिसिस और सांस संबंधित वाले मरीजों पर कोरोना का नया वेरिएंट ज्यादा असर कर रहा है।