भाजपा का पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेजे गए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह व भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम के दिल्ली रवाना होने के साथ भाजपा के भीतर सन्नाटा पसर गया है
अलबत्ता सियासी चर्चाओं का दौर जारी है। पार्टी के सियासी गलियारों में पर्यवेक्षक की रिपोर्ट पर केंद्रीय नेतृत्व के अगले कदम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं इन चर्चाओं की बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार को दिल्ली रवाना हो गए। उन्हें आज गैरसैंण में एक कार्यक्रम में शिरकत करनी थी। इसी बीच देहरादून भाजपा कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है।
वहीं दिल्ली पहुंचने पर मुख्यमंत्री का कहना है कि मैं नहीं जानता कि मीडिया क्या कह रही है, लेकिन मैंने राष्ट्रीय पार्टी के नेतृत्व से मिलने का समय मांगा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा – सब ठीक है
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत सोमवार को देहरादून स्थित प्रदेश कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा कि सब ठीक है। उन्होंने किसी भी तरह के परिवर्तन से साफ इंकार किया है। बंशीधर भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री सामान्य तौर पर दिल्ली गए है। पार्टी में कोई कलह नहीं है। कहा कि 2022 का चुनाव भी त्रिवेंद्र के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।
हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने फिर कहा कि जो भी चर्चाएं हो रही हैं, वह मीडिया की उपज हैं। संगठन के स्तर पर ऐसी कोई बात नहीं है। उधर, केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे जाने के बहाने कांग्रेस को निशाना साधने का मौका मिल गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर ट्वीट कर तंज किया कि ‘उत्तराखंड भाजपा में सत्ता की खुली लड़ाई, चिंताजनक स्थिति बयान कर रही है। कुछ उजाड़ू बल्द जिनको भाजपा पैसारूपी घास दिखाकर हमारे घर से चुराकर ले गई, उसका आनंद अब भाजपा को भी आ रहा है।
इनमें से कुछ बल्द तो उज्याड़ू ही नहीं हैं, मारखोली भी हैं। उन्होंने लिखा कि भाजपा ने जो बोया, उसको काटना पड़ेगा। 2017 में केवल मुझको काटना पड़ा।’ वहीं, इस बीच मुख्यमंत्री के दिल्ली जाने की चर्चाएं भी होती रहीं।