धर पर पर्याप्त व्यवस्था,एक सहायक होना जरूरी
देहरादून सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशों के बाद स्वास्थ्य महकमे ने होम आईसोलेशन के बाबत शासनादेश जारी कर दिया है। होमआईसोलेशन के आदेशों से आम जनता को बडी राहत मिल सकेगी ह्लांकि इस आदेश में इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि किसी भी स्तर से कोई कमी या लापरवाही न रहने पाए। 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग व 10 वर्ष से उम्र के बच्चों को होम आईसोलेशन की मंजूरी नही होगी। सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में कोविड-19 के संक्रमण तथा बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की थी । मख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये थे कि उत्तराखण्ड में होम-आइसोलेशन हेतु जांच व मानकों के हिसाब से ही होम-आइसोलेशन की व्यवस्था की जाय।
राज्य में कोरोनावायरस संक्रमण के मामलो में इजाफा हो रहा है। साथ ही समय समय पर कई लोगो ने होमआईसोलेशन की मांग भी की है। संक्रमण की वजह से अब बहुत से मामले ऐसे भी आ रहे है। पूर्व में केंद्र सरकार के स्तर से भी होम आइसोलेशन आईसोलेशन को उचित कदम मान चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है कि अगर हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीज के पास घर में रहने और आराम करने की बेहतर सुविधा है, तो वह होम आइसोलेशन का पालन कर सकते हैं.
आदेश की प्रमुख बातें
डॉक्टर ने किसी व्यक्ति में हल्के लक्षण पाए है, तो वह होम आइसोलेशन कर सकता है.
घर पर आइसोलेशन की सुविधा के साथ ही अलग से टॉयलेट होना चाहिये। घर के अन्य सदस्यों के लिये अलग से घर में रहने की सभी जरूरी व्यवस्था होनी चाहिये।
पीडित के साथ एक नियमित रूप से के एक सहायक हो जो कि पीडित के स्वास्थ्य को लेकर जिम्मेदार चिकित्सक के संपर्क में रहे।
कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले व्यक्ति को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा लेनी चाहिये और डॉक्टर का परामर्श भी जरूरी है।
संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल, मेडिकल अधिकारी को अपनी सेहत की जानकारी देनी होगी. सेल्फ आइसोलेशन के फॉर्म भरना जरूरी है.