शीतकाल में बढ़ते मानव–भालू संघर्ष पर सरकार सख्त, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु ने दिए निर्देश

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देहरादून। राज्य के अलग–अलग हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से मानव–भालू संघर्ष की घटनाओं में वृद्धि पर मुख्यमंत्री ने गहरी चिंता जताई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधांशु ने 28 नवंबर 2025 को सभी संबंधित अधिकारियों को तत्काल नियंत्रण एवं रोकथाम के निर्देश जारी किए हैं।

मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि घटनास्थल पर प्रभावितों को तत्काल सहायता, मुआवज़ा और सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। संबंधित जिले के डीएम, डीएफओ, एसडीएम और वन अमले को सघन मॉनिटरिंग के आदेश दिए गए हैं।

शीतकाल में भालू अधिक सक्रिय

प ठंड के मौसम में भालुओं के हाइबरनेशन की अवधि होती है। ऐसे में भोजन की कमी व अन्य कारणों से वे मानव बस्तियों के पास आ जाते हैं। इसे देखते हुए विभाग ने प्रभावी रोकथाम के लिए ठोस कार्ययोजना लागू करने को कहा है।

प्रभावित क्षेत्रों में रेस्पॉन्स टीम अलर्ट मोड पर

घटनास्थल पर भालू दिखाई देने की सूचना मिलते ही रेस्पॉन्स टीम तत्काल मौके पर पहुंचे।

प्रभावितों को तुरंत राहत दी जाए।

यदि तत्काल मुआवजा उपलब्ध न हो तो ज़िला अधिकारी अल्पकालिक फंड से भुगतान सुनिश्चित करें।

गंभीर घटनाओं की स्थिति में वन विभाग विशेषज्ञ टीम भेजेगा।

ग्राम क्षेत्रों में विशेष सतर्कता

वन विभाग को ग्रामीण इलाकों में सुबह–शाम निगरानी बढ़ाने, सोलर लाइट लगाने, स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करने और गांवों में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा, भालू मूवमेंट वाले ट्रेक रूट, जंगल किनारे बसे गांव और पर्यटन क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखने को कहा गया है।

लाउडस्पीकर, पोस्टर और सोशल मीडिया से जागरूकता

वन विभाग को गांव–कस्बों में लाउडस्पीकर के माध्यम से चेतावनी संदेश चलाने, पोस्टर लगाने और सोशल मीडिया द्वारा भी जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं।

सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे

भालू प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों को सायरन, सर्च लाइट, स्टिक, मोबाइल अलर्ट सिस्टम और सुरक्षित दूरी बनाए रखने संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

अधिकारियों को क्षेत्रवार रणनीति बनाने के आदेश

सभी जिलों को मौसम आधारित मानव–भालू संघर्ष प्रबंधन योजना तैयार करने को कहा गया है।
अधिकारियों को अपने क्षेत्रों की विशेष परिस्थितियों के अनुसार सतर्कता बरतते हुए संघर्ष की घटनाओं को न्यूनतम करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख सचिव वन, रमेश कुमार सुधांशु ने स्पष्ट कहा कि मानव–वन्यजीव संघर्ष रोकने को सरकार पूरी गंभीरता से प्रभावी कार्रवाई कर रही है।