पुलिस प्रमोशन पर सवाल,आईजी मुख्यालय का इंकार

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देहरादून राज्य पुलिस में लंबे अर्से के इंतजार के बाद आखिरकार हेड़कांस्टेबल प्रमोशन का समय आ ही गया। हलांकि सूची जारी होते ही इस पर अलग अलग प्रतिक्रियायें भी आने लगी है। राज्य पुलिस के कई सीनियर सिपाही इस सूची से सहमत नही दिख रहे है। सूत्रों की मानें तो इनमें कुछ ऐसे पुलिसकर्मी शामिल हैं जो पहले से हेड कांस्टेबल थे। यानी बाजू पर तीन फिती लगा रहे थे। इसके साथ ही कुछ ऐसे हैं जो एक स्टार लगाते थे.जूता बेल्ट (दरोगा स्तर) पहनने के साथ ही चालान आदि भी कर रहे थे। और राज्य पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर कहला रहे थे। ऐसे में इन्हें अब हेड कांस्टेबल कहने का क्या मतलब इन्हे वापस रिवर्ट माना जाए। मामले में आईजी कार्मिक पुष्पक ज्योति ने कहा कि प्रमोशन सभी नियमों मानदंडो के अनुरुप हुआ है। पुलिस मुख्यालय के सभी समान है सभी के भविष्य व प्रमोशन के लिये मुख्यालय चिंतित है। हलांकि जिन्हें हेड कांस्टेबल कहा जा रहा है वे असल में हेड कांस्टेबल विशेष श्रेणी (एचसीवीएस) थे। अब उन्हें कंफर्म हेड कांस्टेबल बना दिया गया है।
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तो क्या स्टार उतरेगा लगानी पडेगी तीन फीती

आज आई प्नमोशन लिस्ट में कई पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो एक स्टार कंधे पर लगाते चले आ रहे हैं। विधिवत चालान काट रहे है। आज जारी हुई 221 नामों की सूची में ऐसों की संख्या अधिक बताई जा रही है। लेकिन, अब उन्हें हेड कांस्टेबल बनाया गया है। यानी अब उन्हें फित्तियां लगानी होंगी। हालांकि मुख्यालय का कहना है कि एक स्टार वाली व्यवस्था सिर्फ अस्थाई व्यवस्था थी। जो कांस्टेबल 30-30 साल सर्विस कर चुके हैं उनके लिये ये एक अस्थाई व्यवस्था पूर्व में की गई थी। ऐसा कोई पद अधिसूचित नही है।

आईजी कार्मिक पुष्पक ज्योति पुलिस मुख्यालय


आईजी कार्मिक पुष्पक ज्योति के मुताबिकपूरी पारदर्शिता बरती गई है। सभी नियमों के मुताबिक कार्मिकों को शामिल किया गया है। जो हेड कांस्टेबल विशेष श्रेणी थे उन्हें अब कंफर्म हेड कांस्टेबल बन गये है। जो एक स्टार वाले थे वह भी हेड कांस्टेबल विशेष श्रेणी ही थी जो कि एक व्यवस्था थी। सवाल उठाने लायक या विवाद जैसा कुछ नही है- पुष्पक ज्योति, आईजी कार्मिक