उत्तरकाशी, 3 अक्टूबर 2025 — उत्तरकाशी जनपद में पत्रकार राजीव प्रताप की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के रहस्य से धीरे-धीरे पर्दा उठता जा रहा है। दिनांक 18 सितंबर 2025 की रात को लापता हुए राजीव प्रताप का शव 28 सितंबर को जोनीयाड़ा बैराज के पास भागीरथी नदी से बरामद किया गया। शव की शिनाख्त परिजनों द्वारा की गई और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण आंतरिक चोटों से हुआ शॉक व ब्लीडिंग पाया गया है।
कैसे शुरू हुई थी कहानी:
दिनांक 20 सितंबर 2025 को थाना कोतवाली उत्तरकाशी में मुकदमा संख्या 057/2025, धारा 140(3) बीएनएम के तहत अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर डीएसपी जनक पंवार की निगरानी में एक संयुक्त टीम गठित की गई जिसमें कोतवाली उत्तरकाशी, थाना मनेरी, SOG और अन्य शाखाएं शामिल रहीं।
सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों से मिले सुराग:
पुलिस जांच में सामने आया कि राजीव प्रताप 18 सितंबर को सुबह करीब 7 बजे अपने पुराने विद्यार्थी मनवीर कनूड़ा के साथ कैमरा शूटिंग के सिलसिले में मिले। बाद में दोनों पुलिस लाइन पहुंचे जहां तीसरा व्यक्ति, मुख्य आरक्षी मोवन सिंह भी जुड़ा। तीनों ने मिलकर शराब खरीदी और टैक्सी स्टैंड के पास शराब पी। मनवीर शराब नहीं पीता था, लेकिन साथ बैठा रहा।
रात करीब 11 बजे तक तीनों ने खाना-पीना किया, जिसके बाद मनवीर घर चला गया और राजीव प्रताप व मोवन सिंह ने होटल जाकर दोबारा शराब पी। सीसीटीवी में दिखा कि राजीव प्रताप नशे की हालत में गाड़ी चलाते हुए गंगोरी की ओर रवाना हुए, जबकि मोवन सिंह को होटल के बाहर छोड़ गए।
गाड़ी नदी में गिरी, मोबाइल हुआ स्विच ऑफ:
रात 11:38 बजे गंगोरी पुल के पास लगे सीसीटीवी में राजीव प्रताप की कार अंतिम बार देखी गई। इसके बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। अगले दिन पुलिस को गंगोरी क्षेत्र में नदी के पास एक बैग मिला, जिसे मोवन सिंह ने पहचान लिया। बाद में कार UK07DX 4391 भागीरथी नदी में डूबती पाई गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने क्या कहा?
28 सितंबर को NDRF की टीम ने जोनीयाड़ा बैराज से राजीव प्रताप का शव बरामद किया। तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि मौत किसी बाहरी हमले या मारपीट से नहीं, बल्कि वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर स्टेयरिंग से लगी चोटों के कारण हुई।
शराब और लापरवाही बनी मौत की वजह:
तकनीकी जांच में स्पष्ट हुआ कि गाड़ी ड्राइविंग सीट से कंट्रोल खोकर सीधे नदी में जा गिरी। सभी दरवाजे लॉक थे, शीशे चढ़े थे, और चाबी गाड़ी में ही मिली। रिपोर्ट के अनुसार, वाहन के ड्राइवर (राजीव प्रताप) के बाहर निकलने की कोई संभावना नहीं थी।
अब भी जारी है जांच:
घटना से जुड़े सभी सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की जांच जारी है। पुलिस अन्य संभावित पहलुओं पर भी गौर कर रही है ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके।