कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी जी डीएम से अलग से बात करके आप क्या करोगे

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देहरादून आपदा स्थल पर वायरल वीडियो ने खड़े किए सवाल: मंत्री और डीएम आमने-सामने?

देहरादून: राजधानी देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में हालिया आपदा के बीच एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और जिलाधिकारी देहरादून के बीच का संवाद—or उसके अभाव—चर्चा का विषय बन गया है। वीडियो में मंत्री गणेश जोशी, डीएम द्वारा फोन न उठाए जाने से खफा नजर आते हैं, वहीं डीएम विनम्रतापूर्वक हाथ जोड़ते हुए स्थल से रवाना हो जाते हैं। कप्तान (एसएसपी) भी बिना रुके आगे बढ़ते दिखते हैं, जबकि मंत्री कुछ पल अवाक खड़े रह जाते हैं।

इस वायरल वीडियो ने सरकार के भीतर संवाद और समन्वय पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खास बात यह है कि वीडियो में मंत्री खुद यह स्वीकार करते दिख रहे हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, एसडीएम समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर ली है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि डीएम से अलग से बातचीत की आवश्यकता क्यों महसूस की गई, जबकि वह आपदा राहत कार्यों में पहले से ही पूरी मुस्तैदी के साथ जुटे हुए हैं।

आपदा जैसी संवेदनशील स्थिति में जहां प्रशासन, पुलिस और जनप्रतिनिधियों का आपसी सहयोग सर्वोपरि माना जाता है, वहां इस प्रकार के दृश्य प्रशासनिक संतुलन पर सवाल खड़े करते हैं। यह भी देखा जा रहा है कि डीएम और अन्य अधिकारी मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार राहत और बचाव कार्यों में पूरी शक्ति के साथ लगे हैं।

मंत्री और अधिकारी दोनों का दायित्व आपदा में प्रभावित जनता तक समय से राहत पहुंचाना है, ऐसे में “तालमेल” और “सार्वजनिक समन्वय” ही व्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है। इस वीडियो ने न सिर्फ प्रशासनिक प्रणाली के अंदर के तंत्र को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया कि ऐसे वक्त में व्यक्तिगत नाराजगी से ऊपर उठकर टीम भावना के साथ कार्य करना ही सबसे जरूरी है।

अब देखना यह है कि सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और क्या कोई स्पष्ट बयान आता है जिससे जनता को यह भरोसा दिलाया जा सके कि प्रशासन और शासन दोनों एकजुट होकर आपदा से निपटने के लिए तत्पर हैं।