मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संबोधन से पहले चार महासू देवताओं के नाम के जयकारे लगाए। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे मां यमुना की सहायक नदी टोंस के तट पर इस नैसर्गिक सुंदरता, आध्यात्मिक चेतना, विशेष परंपराओं की पुण्य धारा में आप सभी के बीच में आने मौका। कहा की 2022 के चुनाव परिणाम आने से पहले वह महासू महाराज के दर्शन करने के लिए आए थे। उसके बाद से उनके मन में लगातार इच्छा थी कि उन्हें प्रतीक्षा थी कि कब महासू महाराज बुलाएंगे। कहा कि ऐसे धाम में कोई भी अपनी इच्छा से नहीं आता है।
आपकी इच्छा होगी और महासू महाराज की इच्छा नहीं होगी तो आप नहीं आ पाओगे। कहा की वह सोच रहे थे कि कब वह शुभ दिन आएगा। कहा की रणवीर सिंह पीछे ही बैठे हैं, उन्होंने उनसे पूछा कि कब चलेंगे। उन्होंने कहा कि जब बुलावा आएगा तब जाएंगे, हमारे सोचने से क्या होगा। महासू महाराज का आदेश हुआ। कहा कि उन्होंने तय किया था कि मुखवा हर्षिल में 27 को प्रधानमंत्री का कार्यक्रम प्रस्तावित है। उन्होंने सोचा था कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में प्रतिभा करने से पहले वह महासू देवता के दर्शन जरूर करेंगे महासू महाराज का आदेश हुआ और मैं चला आया…सीएम धामी ने देवता के दर्शन कर किया जनसभा को संबोधित
सीएम धामी ने कहा कि मुखवा हर्षिल में 27 को प्रधानमंत्री का कार्यक्रम प्रस्तावित है। उन्होंने सोचा था कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में प्रतिभा करने से पहले वह महासू देवता के दर्शन जरूर करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संबोधन से पहले चार महासू देवताओं के नाम के जयकारे लगाए। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे मां यमुना की सहायक नदी टोंस के तट पर इस नैसर्गिक सुंदरता, आध्यात्मिक चेतना, विशेष परंपराओं की पुण्य धारा में आप सभी के बीच में आने मौका। कहा की 2022 के चुनाव परिणाम आने से पहले वह महासू महाराज के दर्शन करने के लिए आए थे। उसके बाद से उनके मन में लगातार इच्छा थी कि उन्हें प्रतीक्षा थी कि कब महासू महाराज बुलाएंगे। कहा कि ऐसे धाम में कोई भी अपनी इच्छा से नहीं आता है।
आपकी इच्छा होगी और महासू महाराज की इच्छा नहीं होगी तो आप नहीं आ पाओगे। कहा की वह सोच रहे थे कि कब वह शुभ दिन आएगा। कहा की रणवीर सिंह पीछे ही बैठे हैं, उन्होंने उनसे पूछा कि कब चलेंगे। उन्होंने कहा कि जब बुलावा आएगा तब जाएंगे, हमारे सोचने से क्या होगा। महासू महाराज का आदेश हुआ। कहा कि उन्होंने तय किया था कि मुखवा हर्षिल में 27 को प्रधानमंत्री का कार्यक्रम प्रस्तावित है। उन्होंने सोचा था कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में प्रतिभा करने से पहले वह महासू देवता के दर्शन जरूर करेंगे।
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विधानसभा का सत्र कल समाप्त हुआ। उसे एक दिन पहले मैंने सोच लिया था कि अब वहां कार्यक्रम करना है। महासू देवता के दर्शन करेंगे उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। आगे के कामों के लिए उनसे और आशीर्वाद लेकर हम आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार विधानसभा में बहुत ऐतिहासिक काम किए गए हैं। एक कानून और बना दिया गया जिसकी, प्रतीक्षा उत्तराखंड राज्य को लंबे समय से थी। उसके लिए बहुत बार अपनी जनभावनाएं प्रकट की।
महासू महाराज की कृपा से सारे वचन पूरे किए
मंचों पर लगातार यह बात उठती रही। उत्तराखंड की जो, हमारी जमीन है और संसाधन है वह खुर्द बुर्द हो रहे हैं। अनेक प्रकार के लोग यहां आकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को खराब कर रहे हैं। यहां के मूल मंत्र के साथ भी छेड़खानी हो रही है। कहा कि हमने पहले ही कहा था कि सारे वायदे उत्तराखंड की देव तुल्य जनता से किए थे। महासू महाराज की कृपा से वह सारे वचन पूरे किए।
इस बार विधानसभा के सत्र में, जो लंबे समय से कह रहे थे कि सशक्त भू कानून लाएंगे। इस बार वह भू कानून भी बनकर तैयार हो गया। महासू महाराज की कृपा से बहुत सारे काम कर लिए। आज के समय में उत्तराखंड देश में विभिन्न विषयों में लगातार चर्चाओं में है। देश के अग्रणी राज्यों में हमारा स्थान आ रहा है।
विकास के मामले में नीति आयोग के 2023- 24 के इंडेक्स में पहले स्थान पर आया है। बेरोजगारी की दर में एक साल में 4.4 प्रतिशत की कमी लाकर राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ा है। 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर जो, झांकी निकलती है उसमें प्रथम तीन स्थान में हमारा स्थान भी रहता है।
ईज ऑफ डूइंग, स्टार्टअप, नवाचार आज हमारा राज्य तेजी से बढ़ रहा है। बहुउद्देशीय शिविर में जो स्टॉल लगते हैं, उसमें मातृशक्ति की सभा गीता देख बड़ी खुशी मिलती है। यह यही नहीं पूरे उत्तराखंड में जाता हूं, हर जगह मातृशक्ति का विशेष स्नेह प्राप्त होता है।
Uttarakhand: महासू महाराज का आदेश हुआ और मैं चला आया…सीएम धामी ने देवता के दर्शन कर किया जनसभा को संबोधि
सीएम धामी ने कहा कि मुखवा हर्षिल में 27 को प्रधानमंत्री का कार्यक्रम प्रस्तावित है। उन्होंने सोचा था कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में प्रतिभा करने से पहले वह महासू देवता के दर्शन जरूर करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संबोधन से पहले चार महासू देवताओं के नाम के जयकारे लगाए। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे मां यमुना की सहायक नदी टोंस के तट पर इस नैसर्गिक सुंदरता, आध्यात्मिक चेतना, विशेष परंपराओं की पुण्य धारा में आप सभी के बीच में आने मौका। कहा की 2022 के चुनाव परिणाम आने से पहले वह महासू महाराज के दर्शन करने के लिए आए थे। उसके बाद से उनके मन में लगातार इच्छा थी कि उन्हें प्रतीक्षा थी कि कब महासू महाराज बुलाएंगे। कहा कि ऐसे धाम में कोई भी अपनी इच्छा से नहीं आता है।
आपकी इच्छा होगी और महासू महाराज की इच्छा नहीं होगी तो आप नहीं आ पाओगे। कहा की वह सोच रहे थे कि कब वह शुभ दिन आएगा। कहा की रणवीर सिंह पीछे ही बैठे हैं, उन्होंने उनसे पूछा कि कब चलेंगे। उन्होंने कहा कि जब बुलावा आएगा तब जाएंगे, हमारे सोचने से क्या होगा। महासू महाराज का आदेश हुआ। कहा कि उन्होंने तय किया था कि मुखवा हर्षिल में 27 को प्रधानमंत्री का कार्यक्रम प्रस्तावित है। उन्होंने सोचा था कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में प्रतिभा करने से पहले वह महासू देवता के दर्शन जरूर करेंगे।
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विधानसभा का सत्र कल समाप्त हुआ। उसे एक दिन पहले मैंने सोच लिया था कि अब वहां कार्यक्रम करना है। महासू देवता के दर्शन करेंगे उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। आगे के कामों के लिए उनसे और आशीर्वाद लेकर हम आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार विधानसभा में बहुत ऐतिहासिक काम किए गए हैं। एक कानून और बना दिया गया जिसकी, प्रतीक्षा उत्तराखंड राज्य को लंबे समय से थी। उसके लिए बहुत बार अपनी जनभावनाएं प्रकट की।
महासू महाराज की कृपा से सारे वचन पूरे किए
मंचों पर लगातार यह बात उठती रही। उत्तराखंड की जो, हमारी जमीन है और संसाधन है वह खुर्द बुर्द हो रहे हैं। अनेक प्रकार के लोग यहां आकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को खराब कर रहे हैं। यहां के मूल मंत्र के साथ भी छेड़खानी हो रही है। कहा कि हमने पहले ही कहा था कि सारे वायदे उत्तराखंड की देव तुल्य जनता से किए थे। महासू महाराज की कृपा से वह सारे वचन पूरे किए।
इस बार विधानसभा के सत्र में, जो लंबे समय से कह रहे थे कि सशक्त भू कानून लाएंगे। इस बार वह भू कानून भी बनकर तैयार हो गया। महासू महाराज की कृपा से बहुत सारे काम कर लिए। आज के समय में उत्तराखंड देश में विभिन्न विषयों में लगातार चर्चाओं में है। देश के अग्रणी राज्यों में हमारा स्थान आ रहा है।
विकास के मामले में नीति आयोग के 2023- 24 के इंडेक्स में पहले स्थान पर आया है। बेरोजगारी की दर में एक साल में 4.4 प्रतिशत की कमी लाकर राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ा है। 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर जो, झांकी निकलती है उसमें प्रथम तीन स्थान में हमारा स्थान भी रहता है।
ईज ऑफ डूइंग, स्टार्टअप, नवाचार आज हमारा राज्य तेजी से बढ़ रहा है। बहुउद्देशीय शिविर में जो स्टॉल लगते हैं, उसमें मातृशक्ति की सभा गीता देख बड़ी खुशी मिलती है। यह यही नहीं पूरे उत्तराखंड में जाता हूं, हर जगह मातृशक्ति का विशेष स्नेह प्राप्त होता है।
मातृ शक्तियों को देख माता को करता हूं याद : धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जब वह इतने बड़े समूह में मातृ शक्तियों को देखते हैं तो अपनी माता को याद करते हैं। कहा कि उन्होंने देखा है कि किस प्रकार से परेशानी और कष्टों में मातृशक्ति आगे बढ़ती हैं। उनके सामने अनेक चुनौतियां होती हैं। उन्हें घर भी चलना है, परिवार को भी आगे बढ़ाना है, घर के जो गाय भैंस हैं उनको भी देखना है और बच्चों की चिंता भी करनी पड़ती है। लेकिन, जैसा विधायक मुन्ना सिंह चौहान का रहे थे लखपति दीदी। अपने परिश्रम और कौशल से आज प्रदेश में हमारी एक लाख बहनें लखपति दीदी बन गई है। हाउस ऑफ हिमालया जिस, ब्रांड का प्रधानमंत्री ने शुभारंभ किया था। आज बहनों के स्टाल में एक से एक अच्छे उत्पाद बनाए जा रहे हैं। चाहे सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, खिलौने, खाद्य जैसे उत्पादों की मांग केवल देश में ही नहीं पूरी दुनिया में है। मुझे मातृशक्ति में आशा की किरण दिखाई देती है कि हमारा एक लक्ष्य है उसे हम प्राप्त कर लेंगे।
महिलाएं राज्य के लिए बनेगी गेम चेंजर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने चोला-डोरा पहनकर बाबा केदार के धाम से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। इसका अर्थ है कि उत्तराखंड आने वाले सालों में देश के शिखर पर होगा। उसे बनाने में सबसे बड़ा योगदान मातृशक्ति का होगा। जिस गति से वह काम कर रही हैं, उनके द्वारा जो उत्पाद बनाए जा रहे हैं नवाचार किया जा रहा है, परिश्रम किया जा रहा है वो वास्तव में हमारे राज्य के लिए गेम चेंजर साबित होने जा रहा है। हमने तय किया है कि राज्य में महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई कार्य करेंगे।