देहरादून प्रदेश में नया भू-कानून कड़ा होगा और उसमें सम्मिलित प्रविधानों में स्पष्टता होगी। ऐसे कानूनी प्रविधान जिन्हें लेकर भ्रम बना है, उनमें संशोधन किया जाएगा। भू-कानून में संशोधन कर इसे नया रूप देने के लिए आगामी बजट सत्र में विधेयक प्रस्तुत किया जा सकता है। इस संशोधन प्रस्ताव को स्वीकृति देने के लिए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भी रखा जाएगा।
प्रदेश में हिमाचल की भांति कड़ा भू-कानून बनाने की लंबे समय से मांग की जा रही है। वर्तमान भू-कानून के दुरुपयोग के कई प्रकरण ण प्रदेशभर में सामने आ चुके हैं। क उद्योगों, शिक्षा, औद्यानिकी, पर्यटन * समेत विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर बढ़ाने के लिए भूमि खरीद में दी गई शिथिलता का लाभ अपेक्षा के
भू-कानून का बनाया जा रहा
जिन कानूनी प्रविधान को लेकर भ्रम की स्थिति बनती है, उनमें किया जाएगा संशोधन
- मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद बजट सत्र में रखा जाएगा संशोधन विधेयक
अनुरूप नहीं मिल पाया। भू-कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए मुख्यमंत्री धामी ने कड़ा कानून बजट सत्र में लाने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा को क्रियान्वित करने के लिए राजस्व विभाग ने सभी जिलों से तहसील स्तर से आमजन, प्रबुद्धजन, किसानों एवं विभिन्न हितधारकों से सुझाव मांगे हैं। इन सुझावों के आधार पर राजस्व परिषद भू-कानून के मसौदे को अंतिम रूप देगा। यह कार्य अभी गतिमान है। सरकार भू-कानून को कड़ा, लेकिन व्यावहारिक बनाने पर बल दे रही है।
इसके पीछे उद्देश्य निजी निवेशकों को प्रोत्साहन देने का है। साथ में यह व्यवस्था भी की जाएगी कि कानून के प्रविधानों का उल्लंघन न होने पाए। ऐसा होने की स्थिति में कानून सख्ती से पेश आएगा। बजट सत्र 17 फरवरी से प्रस्तावित है। बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक होनी है। बैठक में भू-कानून के वर्तमान प्रविधानों में संशोधन को लेकर विधेयक को स्वीकृति के लिए रखा जा सकता है। मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद इसे विधानसभा सत्र में प्रस्तुत करने क रास्ता साफ हो जाएगा। राजस्व सचिव एसएन पांडेय ने कहा अभी भू-कानून को लेकर मंथन चल रहा है। इस संबंध में सरकार के निर्देशों के अनुसार कार्यवाही जाएगी।