देहरादून बाबा तरसेम सिंह का हत्यारा अमरजीत एनकाउंटर में ढेर हो गया है।15 साल के बाद उत्तराखंड पुलिस के खाते में कोई एनकाउंटर दर्ज हुआ है। पुलिस के अपराधियों के खिलाफ शुरू हुये अभियान के क्रम में इस बडी कार्रवाई के कई बडे संदेश भी गये है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाबा तरसेम सिंह की हत्या को एक बडी चुनौती के रूप में लिया था जिस पर डीजीपी अभिनव कुमार पहले दिन से निगाह बनाये थे।
उत्तराखंड पुलिस के लिये 15 साल बाद एक शातिर अपराधी का एनकाउंटर पुलिस के उत्साह वर्धन के लिये किसी बूस्टर डोज से कम नही माना जा रहा है।
अपराधियो में जहाँ एक बड़ा संदेश गया है कि अपराध किया तो सख्त सजा तय है वहीं भाडे के शूटर हत्यारे फिरौती लेकर किसी भी व्यक्ति की हत्या चाहे वो व्यापारी हो या कोई भद्रजन घटना करने से पहले 100 बार सोचने को मजबूर होगें। बाबा तरसेम सिंह की हत्या की घटना ने जहाँ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की आँखे नम कर दी थी वहीं अपने एसएसपी काल में एनकाउंटर के लिये खास पहचान रखने वाले मौजूदा डीजीपी अभिनव कुमार ने इस घटना को चैलेंज के तौर पर लेने के साथ साथ जिलो में आपसी बेहतर कोर्डिनेशन भी तैयार किया। यही वजह है कि हरिदार जिले में उधमसिंहनगर में हुई घटना का अपराधी मुठभेड़ में मार गिराया गया। ये बात भी बेहद अहम है कि जिस हरिदार जिले में सर्वाधिक अपराधियों के एनकाउंटर हुए आज करीब 15 साल बाद उसी हरिदार जिले में एनकाउंटर हुआ है।लोकसभा चुनावों का समय है
लिहाजा राजनैतिक रूप से भी घटना के बाद जो विपक्ष सरकार घेरा रहा था उसे भी एक संदेश मिल गया है। ये भी स्पष्ट है कि इस एनकाउंटर से प़डोसी राज्य उत्तर प्रदेश से आने वाले अपराधियो में भय होना तय है। ये एनकाउंटर उत्तराखंड पुलिस के लिये किसी बडी संजीवनी से भी कम नही है।