D.G.P. उत्तराखण्ड अभिनव कुमार का हरिद्वार दौरा
डीजीपी ने की मेला कंट्रोल भवन में अपराध एवं कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा, गिनाई अपनी प्राथमिकताएं
देवभूमि को नशा मुक्त करने का है लक्ष्य, अपराधियों पर कार्रवाई के साथ-साथ जन-जागरूकता भी जरूरी
साइबर अपराध को बताया बड़ी चुनौती
क्विक रिस्पांस और प्रोएक्टिव पुलिसिंग पर रहा फोकस, पीड़ितों को न्याय दिलाना होगी प्राथमिकता
मित्रता, सेवा सुरक्षा के भाव से कार्य करें लेकिन अपराधियों के लिए मित्र नहीं काल बनेगी उत्तराखंड पुलिस
देवभूमि को नही बनने देगें अपराधियों का हॉलीडे स्टे
बैठक उपरांत जनपद के सभी मीडिया कर्मियों से हुए रूबरू
अपराधी उत्तराखंड पुलिस को उदासीन समझ रहे हैं तो ये उनकी गलतफहमी हैं हमें इलाज करना आता है- D.G.P. अभिनव कुमार
पदभार ग्रहण करने के पश्चात आज D.G.P. उत्तराखण्ड श्री अभिनव कुमार द्वारा पहली बार जनपद हरिद्वार का दौरा किया गया। सलामी लेने के पश्चात सीधे मेला भवन सीसीआर पहुंचे श्री अभिनव कुमार द्वारा सर्वप्रथम हरिद्वार में तैनात ऑफिसर्स का परिचय प्राप्त किया गया तत्पश्चात बिना किसी लाग लपेट के सीधे तौर पर अपने विज़न को जाहिर करते हुए मातहतों को अपनी अपेक्षाएं व प्राथमिकताएं बताते हुए निम्नलिखित स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए-
1- “मैं किस तरीके से काम चाहता हूं, आपसे क्या चाहिए और आपको मुझसे क्या चाहिए, ये क्लियर रहे।”
2- अपराध को कम करना हो चाहे जनता के दिल में जगह बनाना, इसके लिए महत्वपूर्ण कड़ी है Quick Response. मैं चाहूंगा कि आप इसमें सुधार करें।
3- छोटी-मोटी समस्याएं ही बाद में बड़ी समस्याएं बनती हैं इसलिए घटना होने के बाद जो भी विधिक/कानूनी प्रक्रियाएं हैं उनको समय रहते पहले ही कर लें किसी का फोन आने का इंतजार न करें। वर्दी पहनी है तो प्राइड के साथ हम काम करें।
4- आपका टर्नआउट ऐसा होना चाहिए कि पब्लिक के मन में सम्मान की भावना उत्पन्न हो और खुद भी इससे आत्मविश्वास आता है।
5- काम ऐसा करें कि स्थानीय जनता का पुलिस पर विश्वास बना रहे। जो पुलिस को दबंगई दिखाते हैं उनका प्रभावी रूप से इलाज होना चाहिए। L/o वाले मामलों में कोई प्रोफेशनल कंप्रोमाइज न करें।
6- सोशल मीडिया से पुलिस के परसेप्शन/धारणा में फर्क पड़ता है अगर कोई घटना वायरल होने पर आप निर्णय नहीं ले रहे हैं या टाल रहे हैं तो फिर ये बातें बड़ी हो जाती हैं इसलिए जरूरी है कि आप इफेक्टिव रैस्पांस दें। हमको क्राइम फील्ड में प्रो एक्टिव होकर काम करना है।
7- सभी अधिकारी/कर्मचारी जो सद्व्यवहार की खुद से अपेक्षा रखते हैं वही आमजन के साथ भी रखें साथ ही सभी अधिकारी भी अपने अधीनस्थों के साथ मर्यादित व्यवहार करें। न जनता के साथ अन्याय हो और न पुलिस कर्मियों के साथ।
8- थाना/चौकियों की साफ सफाई का भी ध्यान रखा जाए। पर्यावरण में लगातार आ रहे परिवर्तन को देखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि हम भी इस दिशा में गंभीरता से सोचें/काम करें। मैं चाहूंगा कि जहां संभव हो थाने में सोलार सिस्टम एवं रिंग वाटर हार्वेस्टिंग की जाए। जिससे पानी को बचाने में भी मदद मिलेगी।
9- बदलते परिवेश से समन्वय स्थापित करते हुए पुलिसकर्मियों के स्तर में भी सुधार किया जाए। प्रत्येक थाने में स्मार्ट बैरक की संभावनाओं के दृष्टिगत प्रस्ताव बनाएं जाएं।
10- हरिद्वार जनपद राज्य के लिए फ्लैगशिप जिला है। जिस कारण यहां की गतिविधियों का राज्य के बाहर भी इफेक्ट पड़ता है और समाज में एक धारणा बनती है इस बात का आप लोगों को एहसास होना चाहिए। इसलिए आप क्राइम फील्ड में एक्टिव रहें और किसी भी घटना को छोटा समझदार हल्के में न लें। जिम्मेदारी के साथ-साथ ईमानदारी से काम करें।
11- कई फैक्टर्स (सिड़कुल एरिया, स्नान पर्व इत्यादि) हैं जिनकी वजह से हरिद्वार जिला संवदेनशील हो गया है। गोपेश्वर सोलर परियोजना, सिल्क्यारा टनल जैसी घटनाएं प्रत्यक्ष उदाहरण हैं कि हमें प्रत्येक स्थिति के लिए सतर्क और तैयार रहना होगा।
12- क्राइम कंट्रोल, लॉ एंड ऑर्डर के साथ-साथ हमें पुलिस परिवार के बारे में भी सोचना होगा। मैं आपके हर विश्वास के साथ जुडा रहूंगा, आप अपनी पारिवारिक समस्या को भी बेझिझक बता सकते हैं।
13- सभी सीनियर ऑफिसर महिला पुलिसकर्मियों की समस्याओं पर विशेष ध्यान दें। महिला कर्मियों से किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार या गलत व्यवहार की शिकायत मिली और जांच में सत्यता पाई गई तो जो भी मेरे एंड से हो सकता है मैं मैक्सिमम दंड दूंगा।
14- महिला संबंधी अपराधों में सेंसिविटी लाएं। किसी भी महिला पुलिस अधिकारी के साथ किसी विभागीय व्यक्ति द्वारा किसी भी प्रकार का गलत व्यवहार नहीं होना चाहिए ऐसी जानकारी होने पर सस्पेंसन या बर्खास्तगी जरूरी।
15- महिला अधिकारों की सुरक्षा का दायित्व सबसे पहले अपने थाना-चौकियों में नियुक्त महिला पुलिस कर्मियों से शुरु करें साथ ही थाने चौकी क्षेत्र में महिला संबंधी अपराधों व शिकायतों के प्रति बेहद संवेदनशील रहें। किसी प्रकार की कोई कोताही न बरतें।
16- ड्यूटियां रोटेशन के हिसाब से लगें ड्यूटी में भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी अच्छी वर्दी धारण करें, शेविंग व नेम प्लेट प्रॉपर होनी चाहिए।
17- मुकदमों का सही व जल्द निस्तारण जरूरी। all co’s अच्छे से समीक्षा करें। क्राइम रजिस्टर से ही मूल्यांकन होता है सभी सीओ इस बात का ध्यान रखें और समय-समय पर ओ.आर लेते रहें।
18- सभी अधिकारी जैसा व्यवहार खुद के साथ चाहते हैं वैसा ही व्यवहार जनता व अपने अधीनस्थ कर्मियों के साथ भी करें।
19- अपराधी अपनी गतिविधियों को लगाम नहीं देंगे तो हमे निपटना आता है। अपराधियों के लिए मित्र पुलिस नहीं, काल पुलिस नजर आए उत्तराखंड पुलिस।
20- साईबर अपराध के बढते मामलों पर समय रहते लगाम लगाना और जनता को जागरूक करना जरूरी।
21- ड्रग्स फ्री देवभूमि पर सभी सीरियसली काम करेंगे। एक कार्ययोजना बनाकर उसपर प्रभावी ढंग से कार्रवाई की जाए। देवभूमि उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री देवभूमि बनाना है।
22- ट्रैफिक मैनेजमेंट बेहतर होना चाहिए। आज एसपी क्राइम द्वारा पीपीटी का डेमो दिया है। जिसमें शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म ट्रैफिक मैनेजमेंट के बारे में बताया गया। उम्मीद है ट्रैफिक मैनेजमेंट बेहतर तरीके से काम करेगा।
23- पत्रकारों की सुरक्षा संबंधी प्रश्न पर कहा- “पत्रकार हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं, पत्रकारों से जुड़ा कोई मामला आने पर उसका त्वरित समाधान किया जाएगा”
उक्त बैठक में एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र डोबाल, एसपी क्राइम/ट्रैफिक अजय गणपति कुंभार, एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, एएसपी/सीओ लक्सर मनोज ठाकुर, एएसपी संचार विपिन कुमार समेत जनपद के सभी क्षेत्राधिकारी, सभी थानाध्यक्ष, सभी शाखा प्रभारी एवं अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।