पहाड़ के ठीक नीचे नदी किनारे दुकानें बनाने का परिणाम था कि गौरीकुंड हादसा सामने आया..चटटान टूटी और 23 लोग मौत के मुंह में समा गए..हादसे के बाद अब प्रशासन जागा है..और ऐसी जगहों को चिन्हित कर लोगों को हटाया जा रहा है..सवाल उठता है कि कहां-कहां से हटाएंगे, उत्तराखंड के हर टूरिस्ट प्लेस पर अनियोजित निर्माण की बाढ़ आई हुई है.
- तीन अगस्त की रात को सामने आए गौरीकुंड हादसे ने सबको दहला कर रख दिया..20 लोग रेत की मानिंद पानी में बह गए, तीन के शव रिकवर कर लिए गए..हादसा हुआ तो अब जाकर प्रशासन नींद से जागा ..गौरीकुंड से लेकर गुप्तकाशी तक ऐसे खतरनाक जोन में होटल, लॉज, ढाबे बनाकर बैठे लोगों को हटाया जा रहा है..तो प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी टूरिस्ट प्लेस और खासकर चारधाम यात्रा रूट पर डेंजर जोन में बनाए गए होटल, ढाबों को हटाने के निर्देश दे दिए गए हैं.साथ ही यात्रा मार्ग पर जो अहम पड़ाव है वहा भी व्यवस्था दुरुस्त कराए जाने के साथ ही साथ गढ़वाल में ऐसे हैंगिंग पहाड़ जो पूरे मलबे के साथ नीचे आ रहे है ऐसे पहाड़ों का सर्वे और ट्रीटमेंट के साथ साथ एक्सपर्ट एडवाइस भी ली जाएगी