देहरादून राजधानी में कोविड मामलों की जांच कर रही निजी लैब के खिलाफ शुरु हुई जांच से निजी चिकित्सको में रोष व्याप्त हो गया है। चिकित्सको ने कई गंभीर आरोप लगाते हुये भविष्य में सहयोग न मिलने की स्थिति में कोविड जांच बंद करने का भी संकेत दिया है।
इंडियन मेडिकल एशोसिशन ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुये बिंदुवार हो रही निजी लैबों की जांच मामले में सवाल खडे किये है। एशोसिएशन के मुताबिक डॉ आहूजा राज्य की पहली लैब है जिसे सीधे आईसीएमआर से जांच की मंजूरी मिली है। निजी लैब सरकार के साथ हाथ बंटाकर मदद कर रही है। ज्बकि इसे गलत तरीके से पेश करते हुये मरीजों की संख्या बढाए जाने का मामला बनाया जा रहा है। चिकित्सको ने कहा कि दून में हो रही कोविड जांच से निजी लैब की जांच ज्यादा सुरक्षित व फुलप्रूफ है दून अस्पताल को एनएबीएल की मंजूरी भी नही मिली है। निजी चिकित्सको ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी से भी मामले में हस्ताक्षेप करने को कहा है। आईएमए के मुताबिक जांच में वो हर सहयोग करने को तैयार है। बशर्ते जिला प्रशासन निजी लैबों को लेकर गलत अवधारणा बनाने से बचे। चिकित्सको के मुताबिक राजधानी में केस बढने की स्थिति में परेशान होने के बजाए उचित इलाज और व्यवस्था की जरूरत है। आईएमए की प्रेस कांफ्रेंस में कहा गया कि कुछ निजी अस्पतालो में बेड की और व्यवस्था भी निजी चिकित्सकों दारा मदद के तौर पर की जा रही है।