देहरादून के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में जमीन संबंधी दस्तावेज गायब होने के बाद कुछ इसी तरह का मामला विकासनगर तहसील में भी सामने आया है। यहां कुछ लोगों ने खुद को आयकर अधिकारी बता राजस्व विभाग से उत्तर प्रदेश के खनन माफिया हाजी इकबाल की संपत्तियों के कागजात हासिल कर लिए। तहसील प्रशासन के साथ हुई इस धोखाधड़ी से खलबली मच गई। आयकर विभाग के ऐसी कार्रवाई से इन्कार करने के बाद विकासनगर कोतवाली में धोखाधड़ी और सरकारी काम में बाधा डालने आदि की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
घटनाक्रम के मुताबिक, 13 जुलाई की सुबह उत्तर प्रदेश के फरार चल रहे खनन माफिया हाजी इकबाल अहमद की विकासनगर के शाहपुर कल्याणपुर में स्थित संपत्तियों की जानकारी के संबंध में राजस्व उप निरीक्षक को फोन आया। फोन करने वाले ने अपना नाम कमल सिंह और पद इनकम टैक्स कमिश्नर बताया। यह भी कहा कि उनकी टीम संपत्तियों को सील करने मौके पर आ रही है। राजस्व उप निरीक्षक ने फोन के संबंध में उच्चाधिकारियों को सूचित किया। साथ ही शाहपुर-कल्याणपुर क्षेत्र में स्थित हाजी इकबाल की संपत्तियों के बारे में पता लगाकर कथित इनकम टैक्स कमिश्नर को फोन पर सूचनाएं उपलब्ध करा दीं।
यही नहीं, फोन करने वाले ने गुलशन कुमार नाम के व्यक्ति को आयकर अधिकारी बताते हुए तहसील भेजा और संपत्तियों की खतौनी व अन्य कागजात की हार्ड कॉपी भी हासिल कर ली। उधर, राजस्व विभाग की एक टीम आयकर विभाग की टीम के इंतजार में दिनभर संपत्तियों के आसपास भटकती रही। लेकिन, कई दिनों तक कोई टीम नहीं आई तो राजस्व विभाग के अधिकारियों को शक हुआ। उन्होंने आयकर विभाग में फोन करके कमल सिंह और गुलशन कुमार के बारे में पूछा। पता चला कि इस नाम के व्यक्ति विभाग में कार्यरत ही नहीं हैं। इसके बाद राजस्व उप निरीक्षक डिंपल ने शहर कोतवाली में तहरीर दी। कोतवाल संजय कुमार ने बताया, मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।