देहरादून राजधानी में कोरोना संक्रमण की चेन तोडने के लिये बुलाए गये आज से अगले तीन शनिवार तक बंदी की कॉल पहले ही दिन ध्वस्त हो गई। ज्वैलरी शोरूम से लेकर पल्टन बाजार से लेकर चकराता रोड घर्मपुर व प्रेमनगर जैसे अहम बाजार करीब करीब सुबह ही अपने नियत समय पर खुल गये। बेकरी स्वीट शॉप जैसी दुकानें भी सुबह से ही खुली दिखी। सिर्फ कुछ ज्वैलरी शोरूम ही बंद दिखाई दिये। व्यापारियों की आपसी फूट के साथ ही भाजपा से जुडे व्यापारिक संगठनों की भी कलह खुलकर सामने आ गई है।
राजधानी मे बंद की कॉल को लेकर सीएम से लेकर डीएम तक व्यापारियों की मुलाकात असर नही दिखा पाई। सरकार पहले ही साफ कर चुकी थी कि बंद सिर्फ व्यक्तिगत इच्छा तक सीमित है। व्यापारिक संगठन पहले ही दिन से अलग अलग धडो में बंटे नजर आ रहे थे। तर्क ये भी दिया गया कि जब तीन माह के लॉक डाउन में हालात इतने बिगड गये तो फिर पहले से ही चौपट चल रहे व्यापार को कितना और तबाह किया जाए। घंटाघर व आसपास सुबह से ही फोर्स तैनात रहा लेकिन शटर उठता देख पुलिसकर्मी भी सन्न रह गये। इंटेलिजेंस सूत्र कहते है कि कुछ आंशिक बंदी असर दिखा सकती थी लेकिन ऐसा जरा भी न होना चौंकाने वाला है। प्रेमनगर व्यापार मंडल अध्यक्ष राजीव पुंज ने बताया कि बाजार बंद करने में किसी पर कोई दबाव नही था यह पहले दिन ही साफ कर दिया गया था।
भाजपा पदाधिकारी ही व्यापारी नेता भी राजधानी में बडे व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारी जो कि अहम पदों पर है ज्यादातर सभी सत्तारूढ भाजपा में भी अहम पदों पर है। ऐसे में एक संगठन के खिलाफ अन्य दो संगठनों की हुंकार से भी व्यापारी समझ गये थे कि बंद में कोई प्रभाव नही होगा। पल्टन बाजार के एक व्यापारी कहते है कि दुकान का किराया खर्च बिजली प्रतिदिन के हिसाब से ही पहले ही लॉकडाउन ने कहीं का नही छोडा अब हिम्मत नही बची की दुकान बंद की जाए।