देहरादून यूकेएसएससी पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मुकदमा दर्ज कराने व अब तक 33 लोगो के जेल भेजने के मास्टरस्ट्रोक के साथ ही मुख्यमंत्री धामी के विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को लिखे पत्र का भी बडा असर दिखा है। आज विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने जिस प्रकार प्रेस काफ्रेंस करते हुये बिंदुवार विधानसभा में हुई बैक डोर नियुक्ति मामले में निष्पक्ष जांच सदन की गरिमा व युवाओं को संबोधित कर भविष्य़ में बडी नजीर पेश करने का आश्वासन दिया है उसमें सीधे सीधे मुख्यमंत्री धामी के पत्र का अक्स दिखता है।
राज्य गठन के बाद ये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल में हो सका कि आईएएस राम विलास यादव जेल में बडे आईएफएस अधिकारी निलंबित होने के साथ साथ जांच का दंश झेल रहे है। आमजन भ्रष्टाचार की सीधी शिकायत सरकार से कर सके इसके लिये एप व वेबसाइट बना दी जिसकी मॉनिटरिंग सीधे विजिलेंस व मुख्यमंत्री कार्यालय कर रहा है। विधानसभा बैकडोर भर्तियों का मसला जैसे सांमने आया मुख्यमंत्री ने स्वयं ही मीडिया के समक्ष आकर साफ ऐलान कर दिया था कि किसी कालखंड की कोई भर्ती हो सरकार विधानसभा स्तर से जांच यदि हुई तो सहयोग करेगी। आपको बताते चलें कि विधानसभा अध्यक्षा ऋतु खंडूरी सरकारी दौरे के चलते विदेश में थी दिल्ली पंहुचते ही मुख्यमंत्री धामी ने पत्र लिखते हुये अपनी सरकार की पारदर्शी व जीरो टॉलरेंस की नीति के काम काज से अवगत कराते हुये मामले का संज्ञान लेते हुये जांच कराने का आग्रह किया था लिहाजा दून पंहुचते ही विधानसभा अध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुये मामले में तीन सदस्यों की जांच कमेटी व मामले की जांच होने तक विधानसभा सचिव को अवकाश पर भेजने के साथ साथ उनका कमरा तक सील करा दिया है। कमरे के बाहर एक गार्ड को भी तैनात करा दिया गया है। एक माह के भीतर कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। मुख्यमंत्री धामी के रूख को शासन यूकेएसएसपी प्रबंधन पहले ही समझ चुके थे अब मुख्यमंत्री धामी के आग्रह लेटर का असर सीधे सीधे बैकडोर भर्ती मामले में भी दिखा है।