देहरादून द्वाराहाट से बीजेपी विधायक महेश नेगी यौन उत्पीड़न के मामले में पीड़ित महिला को बड़ी राहत मिली है. उत्तराखंड हाईकोर्ट की जस्टिस रविन्द्र मैठाणी की कोर्ट ने पीड़ित महिला की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है साथ ही सरकार को पूरे मामले में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. अब हाई कोर्ट पूरे मामले पर 12 अक्टूबर को सुनवाई करेगा.
क्या हुआ कोर्ट में
आज सुनवाई के दौरान विधायक महेश नेगी की पत्नी के अधिवक्ता ने कोर्ट में वॉट्सऐप की चैटिंग का हवाला दिया कहा कि महिला पैंसे की डिमांड कर रही है. पीड़िता के अधिवक्ता ने कहा कि जिस चैटिंग की बात की जा रही है उसमें पीड़िता ने कहीं भी डिमांड नहीं की और पैसे का ऑफ़र विधायक की पत्नी की ओर से ही किया गया है. बता दें कि विधायक महेश नेगी की पत्नी ने द्वाराहाट की ही एक महिला पर विधायक को बदनाम करने की धमकी देकर पैसे की डिमांड करते हुए देहरादून में मुकदमा दर्ज किया है. इसके ख़िलाफ़ पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर एफ़आईआर निरस्त करने की मांग की है. पीड़िता ने याचिका में यह भी मांग की है कि उसको उसके बच्चे को पिता का नाम मिले और अधिकार भी ताकि उसकी आर्थिक व सामाजिक दिक्कतें दूर हो सकें. याचिका में हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग भी की गई है.
देहरादून में दर्ज है मुकदमा
दरअसल विधायक महेश नेगी की पत्नी ने देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में एक तहरीर देकर महिला पर पांच करोड रुपये मांगने का आरोप लगाते हुये मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपित महिला ने इसके बाद विधायक पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए भी तहरीर दी थी पीडिता की तहरीर पर अभी तक मुकदमा दर्ज नही हुआ है।.
पीड़िता ने इस FIR को निरस्त करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट की शरण ली है. कोर्ट में विधायक की पत्नी ने सबूत के तौर पर वॉट्सऐप चैट पेश कीं गई पीड़िता के अधिवक्ता वीरेंद्र अधिकारी ने कहा चैटिंग को कोर्ट में पढ़ने के दौरान पता चल गया कि विधायक की पत्नी की ओर से पैसे का ऑफ़र रखा गया था. पीड़िता ने सिर्फ अपनी बच्ची की सुरक्षा की बात कही है.