व्यापारियों ने दिखाया दम,केमिस्ट संघ के बन्द को दून उद्योग व्यापार मंडल का समर्थन

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प्रेस विज्ञप्ति

दून उद्योग व्यापार मण्डल, होलसेल कैमिस्ट एसोसिएशन एवं रिटेल कैमिस्ट एसोसिएशन का मल्टी नेशनल कम्पनियों द्वारा किये जा रहे अनैतिक व्यापार के खिलाफ जिसमें ऑनलाइन व्यापार से व्यापारियों को हो रहे नुकसान, 1 जनवरी से जीएसटी की बढ़ी हुई प्रस्तावित दरें तथा केमिस्ट व्यापार को उजाड़ने की MNC’s की साजिश के विरोध को लेकर 31 दिसम्बर दिन शुक्रवार को केमिस्ट व्यापारियों ने हड़ताल करके अपने प्रतिष्ठान बन्द रखे और MNC स्टोर के सामने धरना दिया और वहाँ प्रदर्शन के माध्यम् से, प्रखर होकर, जमकर नारेबाजी की और उनके खिलाफ अपना रोष प्रकट किया गया।

जिसके संदर्भ में प्रात: 9 बजे से ही बड़ी संख्या में दवा व्यापारी, हौम्यौपैथिक व्यापारी, हौलसेल कैमिस्ट, रिटेल कैमिस्ट,काँवली रोड़ पर एकत्रित होने प्रारम्भ हो गए। यहां से एक विशाल प्रदर्शन,पद यात्रा और जुलुस के रूप में जीएमएस रोड़ स्थित रिलांयस स्मार्ट प्वाईन्ट की और सभी ने कूच किया, सैकडौं की संख्या में कैमिस्ट व्यापारी, दून उद्योग व्यापार मण्डल के पदाधिकारी एवं अन्य व्यापारौं से जूड़े व्यापारीगण एवं पदाधिकारीगण बड़ी संख्या में पदयात्रा करते हुए रिलायंस स्मार्ट प्वाईन्ट पर पहूँचे।

रिलांयस स्मार्ट प्वॉईन्ट पर पहूँचने पर वहां पर जोरदार नारेबाजी करी गई और अपना विरोध प्रदर्शन किया गया। रिलांयस को एवं अन्य मल्टीनेशनल स्टोरों को यह हिदायत दी गई कि वे अनैतिक व्यापार करने से बाज आ जाँए यदि अनैतिक व्यापार के तरीकों से बाज नहीं आए तो बडे़ स्तर पर प्रदेश भर में इसके खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा और आवश्यकता पड़ी तो दून बन्द, चक्का जाम और प्रदेश बन्द भी किया जाएगा ।

प्रदर्शन के दोरान दून उद्योग व्यापार के संरक्षक व प्रन्तीय उद्योग व्यापार मण्डल के चेयरमेन श्री अनिल गोयल जी ने कहा कि आज इस धरना प्रदर्शन के माध्यम् से यह जाहिर हो गया कि अब मल्टीनेशनल कम्पनियौं को उनके मनमाने हिसाब से व्यापार नहीं करने दिया जाएगा चाहे इसके लिए किसी भी हद तक जाना पडे़। उन्हौंने इस धरने में शामिल प्रत्येक व्यापारी के संघर्ष को सराहा।

दून उद्योग व्यापार मण्डल के अध्यक्ष श्री विपिन नागलिया जी ने कहा कि अब पानी सिर से ऊपर आ गया है जहां एक तरफ यह बड़ी-बड़ी कम्पनियां छोटे छोटे व्यापारियौं के परिवार के सदस्य के मुहं से निवाला छीनने को आतुर है वोभी आम जनता को लोभ लालच देकर जोकि असहनीय है। उन्हौंने GST का मुद्दा उठाते हुए कहा कि टेक्सटाइल पर GST की प्रस्तावित बढ़ोतरी को 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक को किया जाना हास्यास्पद और पूरी ट्रेड को बर्बाद करने जैसा है।

दून उद्योग व्यापार मण्डल के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल जी ने कहा कि आज के इस धरना प्रदर्शन में दिखी व्यापारी एकता, आपसी सामजस्य व संगठन की अखंडता से प्रत्येक व्यापारी उत्साह से परिपूर्ण है। और इस विरोध से मल्टीनेशनल कम्पनियौं को अब अपना बोरिया बिस्तर समेटना शुरू करना होगा। अपनी बात रखते हुए उन्हौंने ऑनलाईन व्यवसाय को स्थानीय व्यापारियौं का घोर दुश्मन बताया । कोरोना समय का हवाला देते हुए उन्हौंने सभी से आह्वान किया कि जिस प्रकार से कोरोना टाईम पर लोकल दूकानदार ने ही एक दूसरे की मदद की है हमें उसी बात को ध्यान रखते हुए लोकल इज वोकल पर एक दूसरे का साथ देना होगा।

दून उद्योग व्यापार मण्डल के महासचिव श्री सुनील मैंसोन ने कहा कि आज के शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन से प्रत्येक व्यापारी की शक्ति दिखी है. इस वक्त यह हम सबकी प्रतिष्ठा का प्रश्न भी है सरकार को यह समझना चाहिए के इसकी चोट हमारे व्यापार पर पड़ी है और जिसका असर हमारे जीवन, रोजीरोटी और परिवार पर पड़ा है । उन्हौंने मल्टीनेशनल कम्पनी या ऑनलाइन व्यापार को और उनके अनैतिक व्यापार करने के तरीकों और लोकल व्यापारियों को उजाड़ने वाली चालबाजियों को कोसा और सभी व्यापारियौं से इस प्रकार एकता बनाए रखने की अपील की।

उत्तरांचल औषधि व्यवसाई महासंघ के प्रदेश महामंत्री श्री अमित गर्ग जी द्वारा कहा गया कि अगर सरकार इस पर कोई संज्ञान नही लेती है तो हम इस आंदोलन को प्रदेश भर में उठाएंगे और यदि आवश्यकता पड़ी तो प्रदेश बन्द या अनिश्चितकालीन बन्द की घोषणा भी कर दी जाएगी ।

   धरना प्रदर्शन मे सभी व्यापारियौं का सामूहिक रूप से यह यह मत था कि इससे एक ओर जहां लोकल व्यापारियों का भारी नुकसान हो रहा है वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार को भी इससे कोई लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि भेजने वाली कंपनी जिस प्रदेश में स्थित है वह उसी हिसाब से जीएसटी उस  प्रदेश को अदा करती है। ग्राहक को भी ऑनलाइन व्यापार में सामान को छूकर पसंद करने का ऑप्शन नहीं मिलता जबकि लोकल व्यापारी से खरीदने पर ग्राहक सामान को छू कर भी देख सकता है और ट्राई भी कर सकता है जबकि ऑनलाइन में ऐसा करना संभव नहीं है। ऑनलाइन पोर्टल ग्राहकों को अपार वैरायटी दिखाते हैं और अलग-अलग प्रकार के प्रलोभन देकर ग्राहकों को लुभा कर वास्तविकता से अलग माल बेच देते हैं । कुल मिलाकर व्यापारियों में यह रोष था की सरकार को कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे ऑनलाइन व्यापार पर रोक लगे और लोकल व्यापारी, वोकल फोर लोकल और स्वरोजगार को बढ़ावा मिले और उसके साथ ही प्रदेश के लोकल लोगों को रोज रोजगार भी मिले जैसा कि हमारे यशश्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का सपना है और हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी का लक्ष्य भी ।

लोकल व्यापारी जहां प्रत्येक दुकान पर 2 से 5 लोगों को रोजगार देता है वही ऑनलाइन व्यापार प्रदेश की बेरोजगारी को दूर करने में कोई योगदान नहीं देता है अपितु ऑनलाइन व्यापार से प्रदेश में जो लोग स्वरोजगार व्यापारी के यहां काम कर रहे हैं उनकी भी नौकरी पर संकट आ गया है ।

अतः सरकार से यह मांग की गई कि तत्काल प्रभाव से ऑनलाइन व्यापार को बंद करने के लिए, MNC की मनमानी और अनैतिक, गैरपारंपरिक, लोकल व्यापारी को उजाड़ने की नीति को रोकने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जाए ताकि प्रदेश के लोकल लोगों को व्यापार करने और प्रदेश वासियों को ही रोजगार प्रदान करें करने का मौका प्राप्त हो सके। साथ ही यह मांग भी की गई कि जूते और कपड़े पर GST की दर को 5% से बढ़ा कर 12% ना किया जाए अपितु इन रोजमर्रा की चीजों के ऊपर से GST को हटाया जाए।

धरने में शूज व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्री अशोक गर्ग जी ने कहा कि पहले तो हजार रुपए से कम के सामान पर जीएसटी रेट अलग था और हजार रुपए से ऊपर के सामान पर जीएसटी रेट अलग था अब चाहे कोई सामान हजार पर से कम हो या हजार पर से ज्यादा सभी पर 1 जनवरी से 12% जीएसटी करना प्रस्तावित है जो कि पहले 5 परसेंट था इस प्रकार एकदम 7% की बढ़ोतरी शिव के व्यापार पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डालेगी और ग्राहक पक्का बिल लेने से बचेगा ऐसे में दुकानदार के समक्ष दो ही स्तिथि होंगी या तो वह 12% जीएसटी अपनी जेब से अदा करें और या फिर माल को कच्चे में बेचे दोनों ही परिस्थिति में नुकसान व्यापारी का ही है और जो महंगाई बढ़ेगी सो अलग।

कपड़ा व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्री परवीन जैन जी ने कहा कि सरकार इस प्रकार कपडे और जूते पर 5% से जीएसटी रेट को बढ़ाकर 12% करके कौन सी महंगाई कम करना चाह रही है यह समझ नहीं आ रहा है जबकि इस तरीके से तो महंगाई और बढ़ेगी और जूते और कपडे जैसी एक आवश्यक चीज आम आदमी की पहुंच से और दूर हो जाएगी जो जूता और कपड़ा पहले ₹1000 में मिलता था अब वही जूता 1120 रुपए का मिलेगा तो जो ₹120 का अतिरिक्त खर्चा पड़ेगा वह आम आदमी के बजट को ही खराब करेगा और व्यापारी की बिक्री में गिरावट आएगी सो अलग । अंततः सरकार को इससे कोई लाभ नहीं होने वाला है अपितु बिक्री घट जाने से नुकसान ही होगा और जितना GST अभी मिल रहा है वह भी घट जाएगा और व्यापारियों को भी भारी नुकसान होगा ।

केमिस्ट व्यापारियों में रिलायंस स्मार्ट और अन्य कंपनी स्टोर के खिलाफ भारी रोष ।

केमिस्ट व्यापारियों द्वारा रिलायंस स्मार्ट और अन्य ऑनलाईन कंपनी स्टोर के खिलाफ भारी रोष प्रकट किया गया।
बैठक में रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री नवनीत मल्होत्रा जी और श्री मनीष नन्दा जी ने बताया कि यह बड़े ऑनलाइन स्टोर डिस्काउंट का प्रलोभन देकर दवाइयां उपलब्ध करवा रहे हैं जिस कारण सभी केमिस्ट् व्यापारियों के व्यापार पर भारी संकट आ गया है । यह ऑनलाइन स्टोर लोकल व्यापारियों को खत्म करने का बीड़ा उठा रखे हैं ।

रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन के महासचिव श्री पंकज मित्तल जी ने कहा कि यदि यह ऑनलाइन कंपनी स्टोर बंद ना हुए तो सभी केमिस्ट शीघ्र ही ऐसे स्टोर पर जाकर प्रदर्शन करेंगे और उनका जमकर विरोध करेंगे ।

होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री संजीव तनेजा जी ने बताया की एसोसिएशन द्वारा ड्रग कंट्रोलर के उच्च अधिकारियों को ज्ञापन दिया गया है और ऑनलाइन व्यापार पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई है ऐसा ना होने पर सभी केमिस्ट व्यापारी बड़ा आंदोलन करने और आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं ।

होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन के महासचिव श्री नवीन खुराना जी ने बताया कि जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन भेजा गया है जिसमे यह कहा गया है कि ऑनलाइन कंपनियों द्वारा स्थानीय व्यापारियों को उजाड़ने का काम किया जा रहा है और माँग रखी गई कि प्रदेश सरकार इस ऑनलाईन व्यापार पर तुरंत रोक लगायें ।

होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन के महासचिव श्री आकाश प्रभाकर जी ने कहा कि जहां हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी द्वारा वोकल फॉर लोकल और स्वरोजगार का नारा दिया जा रहा है वहीं इसके विपरीत दूसरी ओर स्वरोजगार वाले लोकल व्यापारियों को उजाड़ने का कुचक्र यह मल्टीनेशनल कंपनियां ऑनलाइन व्यापार के माध्यम से रच रही है।

उक्त धरना प्रदर्शन में श्री मीत अग्रवाल जी श्री अनुज जैन जी श्री बृजलाल बंसल जी श्री फतेह चंद गर्ग जी श्री नरेश मित्तल जी श्री विजय कोहली जी, आशीष मित्तल जी, अखिल भाटिया जी, श्री कमलेश अग्रवाल जी , श्री राजेश बडोनी जी, श्री देवेंद्र ढल्ला जी , श्रीपाल एस कुमार गुप्ता जी, अनुभव जैन, रितेश अग्रवाल, अशोक कुमार, गौरव बक्शी, विकास पाल, महेश अरोड़ा, पंकज नेगी, संजय जिंदल, पुनीत अग्रवाल, शैलेंद्र सिंह रावत, संजय बंसल, रवि अरोड़ा, नवीन खुराना, संजीव तनेजा, प्रशांत अरोड़ा आदि भारी संख्या में सभी अपेक्षित व्यापारीगण मौजूद रहे ।