अपर मुख्य सचिव कार्मिक के प्रमोशन करने के आदेश भी हुए है जारी
देहरादून सूबे के आबकारी महकमे के अलावा शायद ही कोई ऐसा महकमा होगा जिसमें प्रमोशन को लेकर खास रूचि नही दिखती या फिर वजह कुछ और है। प्रमोशन के लिये कर्मचारी अधिकारी जहाँ कोर्ट तक चले जाते है वहीं आबकारी महकमे में जारी प्रमोशन को फॉर गो यानि त्याग देना का फॉर्मूला चलता रहा है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूडी ने एक सप्ताह के भीतर सभी विभागों के प्रमुखों को प्रमोशन संबंधी कार्रवाई को पूरा करने के आदेश दिये है।
अपर मुख्य सचिव कार्मिक के पत्र पर गौर करें तो ये साफ जाहिर होता है की राज्य के विभागो में प्रमोशन संबंधी कार्रवाई बेहद सुस्त है लिहाजा अपर मुख्य सचिव को रिमाइंडर यानि अनुस्मारक पत्र जारी करना पडा है। पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि प्रमोशन में देरी की कई शिकायतें प्राप्त हो रही है। आबकारी महकमे की बात करें तो प्रमुख सचिव आबकारी ने आबकारी मुख्यालय को कई माह पूर्व ही पत्र भेजकर प्रमोशन संबंधी कार्रवाई पूरा करने के निर्देश दिये थे। मुख्यालय को पूर्व में भेजे गये पत्र पर ये जवाब बनाकर शासन भेजा गया कि जिलों से इंट्री नही प्राप्त हो सकी है। जून से सितंबर आने को है लेकिन इंट्री कब आयेंगी या नही आयेगी ये पता नही है। विभाग में डिप्टी एक्साइज कमिश्नर पद पर सिंह चौहान का ज्वाइंट एक्साइज कमिश्नर में प्रमोशन होने के बाद ही तीन पद डिप्टी एक्साइज कमिश्नर के रिक्त हो जायेंगें मौजूदा समय में ही दो पद रिक्त चल रहे है। इन पदों पर प्रमोशन के साथ ही तैनाती आदेश जारी होने है। जानकारों की मानें तो व्यवस्था ये भी है कि इंट्री न मिलने की स्थिति में या देर होने की दशा में सर्टिफिकेट को ही पर्याप्त आधार प्रमोशन का माना जा सकता है। प्रमोशन के लिये योग्यता धारक अफसर भी है फिर भी हो रही देरी सामान्य प्रक्रिया है या वजह कुछ और है ये स्पष्ट नही है। लेकिन ये अपर मुख्य सचिव का सख्त पत्र एक संदेश जरूर लिये है। देखना होगा कि आबकारी महकमे में इसका कितना असर दिखता है।