🔸 एसटीएफ उत्तराखंड द्वारा धोखाधड़ी के मामले में दस हजार के इनामी अपराधी की जनपद हापुड़ से की गई गिरफ्तारी।
🔸 जमीन की धोखाधड़ी व विवाद को लेकर वेदानन्द पूर्व में दो बार जनपद हरिद्वार व देहरादून से जा चुका है जेल ।
भूमा निकेतन आश्रम जनपद हरिद्वार के मैनेजर राजेंद्र शर्मा की ओर से थाना ज्वालापुर में दर्ज कराए गए मु0अ0सं0 238/22 धारा 430 भादवी, जमीन की धोखाधड़ी के एक मामले में वांछित दस हजार के इनामी अपराधी वेद प्रकाश शर्मा उर्फ वेदानंद सरस्वती को एसटीएफ देहरादून द्वारा कस्बा हापुड़ जनपद हापुर उत्तर प्रदेश में दबिश देकर गिरफ्तार किया गया । इसकी गिरफ्तारी के लिए वरिष्ठ पुलिस हरिद्वार द्वारा कुछ रोज पहले ₹10000 के इनाम की घोषणा की गई थी गौरतलब है कि भूमा निकेतन आश्रम के मैनेजर राजेंद्र शर्मा द्वारा अपनी प्रथम सूचना रिपोर्ट में अंकित किया गया था कि भूमा निकेतन आश्रम के पीछे करीब 9120 वर्ग मीटर जमीन को कई वर्ष पूर्व में उनके आश्रम द्वारा खरीद कर लिया गया था लेकिन वेदानन्द सरस्वती आदि अभियुक्त गणों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी की नियत से उसी जमीन को दोबारा से किसी और को विक्रय कर दिया गया उक्त जमीन की कीमत वर्तमान में करोड़ों में है वेदानंद सरस्वती को गिरफ्तार करने हेतु पिछले काफी समय से हरिद्वार पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी। वेदानंद सरस्वती के बारे में जानकारी मिली की यह अपने आप को शारदा आश्रम का ट्रस्टी बताता है तथा जमीन की धोखाधड़ी को लेकर पूर्व में दो बार जेल जा चुका है।
वेदानंद सरस्वती वर्ष 1998 थाना ज्वालापुर धारा 307 आईपीसी(दूसरी पार्टी पर जमीन को लेकर जान से मारने की नियत से फायर करने के मामले में लोवर कोर्ट हरिद्वार से आजीवन कारावास की सजा पाए है तथा हाई कोर्ट से बेल पर बाहर है।
इसके अलावा वर्ष 2009 थाना क्लेमेंट टाउन निवासी देवेंद्र मित्तल से 8:30 बीघा जमीन की खरीदारी में लाखों रुपए का फर्जी ड्राफ्ट दे जाने को लेकर थाना क्लेमेंट टाउन देहरादून धारा 420 आई पीसी का मुकदमा पंजीकृत हुआ था, जिसमें यह अपने भाई मुकेश गौड़ व बेटा सचिन के साथ सुद्दोवाला देहरादून जिला कारागार में छह-सात महीने जेल में रह चुका है